गाजियाबाद। साइबर ठगों ने बैंककर्मी को डिजिटल अरेस्ट कर उनके खाते मेंं करोडों की मनी लाड्रिंग होने का आरोप लगाते हुए लाखों रुपये ठग लिए। बैंककर्मी के आधार कार्ड पर जारी सिम से 17 आपराधिक मामले जुड़े होने की बात कही गई। इससे घबराए बैंककर्मी ने घर में रखी नकदी और एफडी आदि अपने बैंक खाते में जमा कर जांच के नाम पर साइबर ठगों के बताए खातों में ट्रांसफर कर दी। ठगी का अहसास होने पर पीड़ित ने साइबर थाने में ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
मुज़फ्फरनगर में अन्तर्जनपदीय तेल चोर गिरोह के 5 बदमाश गिरफ्तार, तमंचे, कारतूस, केंटर बरामद
साहिबाबाद की जवाहर पार्क काॅलोनी निवासी राजकुमार (36) शहर की एचडीएफसी बैंक में एग्जिक्यूटिव हैं। राजकुमार ने बताया कि 16 दिसंबर को उनके मोबाइल पर एक अनजान कॉलर ने कॉल की और अपना नाम रोहित कुमार शर्मा बताया। कॉलर ने दो घंटे में बैंककर्मी के तमाम फोन बंद होने का दावा किया। कारण पूछने पर मुंबई पुलिस इंस्पेक्टर को कॉल ट्रांसफर की गई। इसी दौरान वीडियो कॉल आई और उसमें एक युवक पुलिस इंस्पेक्टर की वर्दी में मोबाइल की स्क्रीन पर दिखाई पड़ा। जिसने अपना नाम हेमराज कोली सब इंस्पेक्टर अंधेरी (ई) मुंबई महाराष्ट्र इंडिया क्राइम ब्रांच बताया।
मुज़फ्फरनगर में क्रिकेट पर खेला जा रहा था सट्टा, 2 गिरफ्तार, मौके से मोबाइल फोन, उपकरण, नकदी बरामद
बताया कि 25 नवंबर को राजकुमार के आधार कार्ड पर एक सिम मुंबई से जारी किया गया है। इस सिम की 17 शिकायते हैं। पीड़ित ने कथित सब इंस्पेक्टर को भरोसा दिलाया कि वह कभी मुंबई ही नहीं गया। कॉलर ने बैंककर्मी खाते में ढाई करोड़ रुपये की मनी लॉड्रिंग होने की बात कही। बताया कि मनी मॉड्रिंग का मुख्य आरोपी नरेश गोयल हमारी पकड़ में है और उसके पास तुम्हारे नाम का डेबिट कार्ड भी बरामद हुआ है। राजकुमार को मुंबई आने को कहा गया। इस पर पीड़ित ने असमर्थता जताई। पीड़ित को तमाम बातें रिकार्ड होने और मनी लॉड्रिंग की डिटेल भेजने की बात कही गई। कॉलर ने बैंककर्मी को भयभीत कर घर में नकदी होने की जानकारी मांगी और अपने खाते में जमा करने की धमकी दी।