बागपत। जिले के रटौल लहचौड़ा गांव की कामधेनु डेयरी में थाईलेरिया बीमारी फैली है। बीमारी से दस गायों की मौत हो चुकी है और 15 गाय बीमारी की चपेट में है। दस गायों की मौत से पशुपालक को करीब 20 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। इसका कारण अधिक उमस होना बताया जा रहा है।
लहचौड़ा गांव निवासी आदेश पिछले दस साल से मिनी कामधेनु डेयरी चला रहा है। डेयरी में 105 पशु है, इनमें 75 गाय और 30 भैंस है। गायों में थाईलेरिया की बीमारी फैल रही है। बीमारी के कारण दो दिन में 40 से 50 लीटर दूध देने वाली 6 गाय और 25 से 30 लीटर दूध देने वाली 4 गाय की मौत हो गई है। डेयरी की लगभग 15 गाय बीमारी से पीडि़त है।
उमस अधिक होने पर गोवंश के शरीर से पसीना निकलता है और उनके शरीर पर खून चूसने वाले जीवाणु चिपक जाते है। इससे पशुओं में खून की कमी हो जाती है और उनका स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है। पशु को 106 से 108 डिग्री तक बुखार हो जाता हैए जिससे उनकी मौत हो जाती है।
थाईलेरिया बीमारी से पशुओं को 106 से 108 डिग्री तक बुखार बढ़ने के बाद पशु का रंग पीला पड़ने लगता है। पशु का शौच लाल आने लगता है और पशु खाना पीना छोड़ देते है।
खेकड़ा के पशु चिकित्सा अधिकारी रवीश कसाना ने बताया कि पशुपालकों को पशुओं की साफ.सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। गोवंश को चीचड़ी या अन्य जीवाणु चिपकने पर आइव्रमेथिन 100 एमजी की गोली सुबह शाम देनी चाहिए। इसके अलावा साफरमैथलीन 2 एमएल काे एक लीटर पानी में घोल बनाकर पशुओं के शरीर पर लगाना चाहिए।