नई दिल्ली| कर्नाटक में विधान सभा चुनाव की घोषणा से पहले ही भाजपा के अंदर एक बार फिर से घमासान शुरू हो गया है। राज्य के चुनावी गणित और सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को विधान सभा चुनाव के मद्देनजर पोस्टर बॉय तो बना ही दिया है लेकिन उन्हें और खासतौर से उनके समर्थकों को संतुष्ट करने के लिए पार्टी उन्हें राज्य में चुनाव प्रचार अभियान समिति का चेयरमैन बनाने की भी घोषणा करने की तैयारी कर रही थी लेकिन उनके फिर से बढ़ते कद और प्रभाव से आशंकित नेताओं ने येदियुरप्पा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, राज्य की बोम्मई सरकार में शामिल कई मंत्रियों, यहां तक कि बीएस येदियुरप्पा के अपने ही लिंगायत समुदाय से आने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राज्य के चुनावी गणित में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वोक्कालिंगा समुदाय के एक राष्ट्रीय नेता ने भी येदियुरप्पा को चुनाव प्रचार अभियान की कमान सौंपने के फैसले को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, इन नेताओं ने पार्टी आलाकमान से येदियुरप्पा को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है और अब गेंद पार्टी आलाकमान के पाले में है।
बताया जा रहा है कि इन नेताओं का यह कहना है कि अगर विधान सभा चुनाव में येदियुरप्पा को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी तो उनके साथ-साथ उनके बेटे भी पार्टी और उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया में हावी हो जाएंगे। इनका यह भी कहना है कि बड़े और लोकप्रिय नेता होने के बावजूद इन्होंने अपने रहते राज्य में किसी को बड़ा नेता बनने नहीं दिया।
इनकी सबसे बड़ी चिंता इस बात को लेकर भी है कि अगर येदियुरप्पा फिर से प्रभावी हुए तो शीर्ष नेताओं से अपनी नजदीकी का लाभ उठाकर टिकट बंटवारे में अपनी जिद चला सकते हैं, इसलिए सबने मिलकर उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
कर्नाटक में विधान सभा चुनाव की घोषणा से पहले पार्टी में मचे इस घमासान ने भाजपा आलाकमान को परेशान कर दिया है क्योंकि 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव में कर्नाटक सहित दक्षिण भारत के अन्य राज्यों में ज्यादा से ज्यादा लोक सभा सीटों पर जीत हासिल करने की रणनीति के मद्देनजर पार्टी के लिए कर्नाटक में चुनाव जीतकर फिर से सरकार बनाना बहुत जरूरी है।
बताया जा रहा है कि पार्टी आलाकमान ने हाल ही में राज्य के चुनाव प्रभारी बनाए गए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और भाजपा के कर्नाटक प्रभारी एवं राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह को सभी नेताओं से बातचीत कर समाधान निकालने का जिम्मा सौंपा है।