खतौली -नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने केबिल व्यापारी उमेश कुमार पर अपना दांव खेला है। भाजपा आला कमान द्वारा कई दिनों तक किए गए मंथन के बाद उमेश कुमार टिकट लेने की दौड़ में शामिल राकेश प्रजापति, नरेश पांचाल, अजय भुर्जी को पटखनी देकर पार्टी सिंबल झटकने में कामयाब हुए है।
उमेश कुमार के भाजपा प्रत्याशी घोषित होने से इनके समर्थकों में भारी उत्साह है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष द्वारा लिस्ट जारी करते ही भाजपा कार्यकर्ताओं का घोषित प्रत्याशी उमेश कुमार के मोहल्ला कांशीराम स्थित आवास पर जमावड़ा लग गया। कई दिनों की रस्साकशी के बाद भाजपा आला कमान द्वारा रविवार को नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद पर उमेश कुमार को प्रत्याशी बनाए जाने की मुहर लगाते ही टिकट के कई दावेदारों में मायूसी छा गई।
उमेश कुमार को पार्टी प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा के तुरंत बाद कस्बे के दिग्गज भाजपाई इनके आवास पर एकत्रित होकर चुनाव जीतने की रणनीति बनाने में मशगूल हो गए। आज सोमवार को नामांकन के अंतिम दिन भाजपा प्रत्याशी उमेश कुमार समर्थकों संग अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
इसी बीच सपा गठबंधन और भाजपा द्वारा नगर पालिका परिषद खतौली अध्यक्ष पद के चुनाव हेतु अपने प्रत्याशी घोषित किए जाते ही चुनाव लडने के इच्छुक अन्य प्रत्याशियों की बैचेनी सामने आने लगी है। पालिका परिषद अध्यक्ष पद सामान्य से ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित होने के बाद अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे पूर्व चेयरमैन पारस जैन द्वारा सैनी समाज का प्रत्याशी खड़ा करके अपना दमखम दिखाने की चर्चा से भाजपा खेमें में खलबली मच गई है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 के नगर निकाय चुनाव में भाजपा ने पूर्व चेयरमैन पारस जैन की माता श्रीमती रीतू जैन को तथा सपा ने पार्टी नेता काज़ी जमील अहमद की पत्नी बिलकीस को प्रत्याशी बनाया था। कांटे के हुए चुनाव में सपा प्रत्याशी बिलकीस ने भाजपा प्रत्याशी रीतू जैन को मात्र 9 मतों से शिकस्त देकर चेयरमैन पद कब्ज़ा लिया था। इतनी नजदीकी हार पूर्व चेयरमैन पारस जैन को लम्बे अर्से तक हज़म नहीं हो पाई थी।
कुछ महीनों बाद हार का गम भूलते ही पारस जैन ने अगला चुनाव लडने की तैयारी ज़ोर शोर से शुरू कर दी थी। पूरे पांच साल पारस जैन ने भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़कर जीतने के मंसूबे बनाए। लेकिन ऐन वक्त पर खतौली पालिका अध्यक्ष पद ओबीसी के लिए आरक्षित घोषित हो गया। जिसके चलते पारस जैन के चुनाव लडकर जीतने के सारे अरमानों पर पानी फिर गया।
चर्चा रही कि पारस जैन अपने किसी चहेते को भाजपा का सिंबल दिलाकर उसे अपनी मनमर्जी मुताबिक चुनाव लड़ाने की प्लानिग कर रहे थे। भाजपा के सिंबल पर जीतकर अध्यक्ष बने पारस जैन के कार्यकाल में भाजपा के सिंबल पर ही उमेश कुमार जीतकर सभासद के रूप में पालिका बोर्ड में शामिल रहे थे।
चर्चा है कि बावजूद इसके पूरे पांच साल पारस जैन ओर उमेश कुमार के बीच छत्तीस का आंकड़ा रहा। चर्चा है कि उमेश कुमार के भाजपा प्रत्याशी घोषित होते ही पारस जैन ने सैनी समाज के किसी व्यक्ति को पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ाने की घोषणा करके खलबली मचा दी है। पारस सोमवार को अपने प्रत्याशी का नामांकन करा सकते है।
दूसरी ओर गठबंधन प्रत्याशी के रूप में पूर्व चेयरमैन हाजी शाहनवाज लालू के नाम की घोषणा के बाद टिकट पाने की दौड़ में शामिल रहे कुछ चुनिंदा नेता शनिवार को बुढ़ाना रोड़ पर भानुमति का कुनबा जोड़कर बैठे। चर्चा है कि भानुमति के इस कुनबे में सपा रालोद गठबंधन का सिंबल लेने की दौड़ में फिसड्डी रहे कुछ नेता शामिल हुए।
चर्चा है कि भानुमति के कुनबे में बसपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी शमशुद्दीन राइन, जिलाध्यक्ष सतीश कुमार , सलमान सईद ने भागेदारी करके कभी कांग्रेस, कभी सपा, कभी बसपा नेता रहे हाजी इज़हार अहमद को अधिकृत बसपा प्रत्याशी घोषित किया है। बैठक के बाद हाजी इज़हार ने अपने आपको बसपा प्रत्याशी के रूप में प्रचारित करके सोमवार को नामांकन दाखिल किए जाने की घोषणा की है। इसके अलावा पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव लडने वाले कितने दावेदार होंगे, इसका पता सोमवार नामांकन अवधि पूरी होने के बाद ही पता चलेगा।