गाजियाबाद। कवि कुमार विश्वास के सुरक्षाकर्मियों और एक निजी डॉक्टर के बीच कार निकालने को लेकर हुए विवाद में गाजियाबाद पुलिस ने दोनों पक्षों की एफआईआर दर्ज कर ली है। हालांकि दोनों ही मुकदमों में आरोपी ‘अज्ञात’ दर्शाए गए हैं।
कुमार विश्वास के काफिले पर हमले के प्रयास की बात को पुलिस पहले ही नकार चुकी है। इसलिए सीआरपीएफ सुरक्षाकर्मी ने जो मुकदमा दर्ज कराया है, उसमें पुलिस ने हमले की धारा नहीं जोड़ी है।
उधर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा है कि कुमार विश्वास इस पूरे प्रकरण में सार्वजनिक रूप से माफी मांगें।
दरअसल, कुमार विश्वास गाजियाबाद के वसुंधरा इलाके में रहते हैं। 8 नवंबर को वो एक कार्यक्रम में शामिल होने घर से अलीगढ़ जा रहे थे। गाजियाबाद में हिंडन नदी पुल के पास काफिले में डॉक्टर पल्लव बाजपेई की कार आ गई। इसे लेकर कुमार विश्वास के सुरक्षाकर्मियों का डॉक्टर से विवाद हो गया। इस प्रकरण के तुरंत बाद कुमार विश्वास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्वीट पर पोस्ट करके बताया कि काफिले पर हमला करने का प्रयास हुआ।
हालांकि सोशल मीडिया में 4 सेकेंड का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कुछ सुरक्षाकर्मी झाड़ियों में गिरे एक शख्स से हाथापाई करते दिखाई दे रहे हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने गुरुवार को इस संबंध में एक प्रेस वार्ता की। आईएमए पदाधिकारियों ने डॉक्टर पल्लव बाजपेई से हुई मारपीट की कड़े शब्दों में निंदा की है।
आईएमए ने कहा, ये घटना वीआईपी कल्चर में डूबे हुए और वाई सिक्योरिटी के मद में चूर अति विशिष्ट व्यक्ति व उनकी टीम के घमंडित व्यवहार का उदाहरण है। किसी व्यक्ति को सिर्फ इसलिए मारा गया, क्योंकि वो समय रहते कॉन्वो को निकलने की जगह नहीं दे पाया। ये कृत्य निकृष्ट, अशोभनीय और अमानवीय है। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कुमार विश्वास ने गाड़ी से बाहर आना जरूरी नहीं समझा और सुरक्षाकर्मी मारपीट कर डॉक्टर को अधमरा छोड़कर चले गए।
आईएमए ने कहा है कि कुमार विश्वास इस केस में माफी मांगें। सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई हो। एफआईआर में अज्ञात की जगह कुमार विश्वास के सुरक्षाकर्मियों के नाम शामिल किए जाएं।