आगरा/ मैनपुरी। कड़ाके और गलन भरी सर्दी में लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं। एक परिवार के लिए सर्दी से बचाने वाले यही अलाव जिंदगी भर का जख्म दे गए। आगरा मंडल के मैनपुरी जिले से एक ऐसी ही दर्द भरी दास्तां सामने आ रही है। जहाँ एक परिवार की जुड़वाँ दो मासूम बच्चियां जिंदा जल गई। जिंदा जली बच्चियों को अस्पताल ले जाया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। जुड़वा बच्चियों की मौत से परिवार में कोहराम मच गया।
बताया जा रहा है कि मैनपुरी के कस्बा औछा में गौरव उर्फ़ दिलीप रहते हैं। वह बाहर गए हुए थे। घर में पत्नी और छह माह की दो जुड़वां बेटियां रिद्धि और सिद्धि थीं। पत्नी रजनी ने छह माह की दोनों बेटियों को छतपर बने कमरे में चारपाई पर सुला दिया। बच्चों को ठंड न लगे इसके लिए तसले में अलाव जलाकर उसे चारपाई के नीचे रख दिया। कोई काम आने पर रजनी नीचे काम करने चली गई। कुछ देर बाद ऊपर के कमरे से लोगों ने धुआं उठता देखा तो शोर मचा दिया।
शोर सुनकर जब रजनी छत पर बने कमरे में पहुंची तो वहां देखा कि चारपाई में आग लगी हुई थी और मासूम बच्चियां आग से घिरी हुई थीं। आसपास के लोगों ने किसी तरह आग बुझाई और बच्चियों को लेकर अस्पताल लेकर दौड़े लेकिन दोनों मासूमों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया था। हादसे के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है। रजनी बार-बार खुद को कोस रही है और कह रही है आखिर मैं अपनी बच्चियों को अकेले छोड़ कर क्यों चली गई।