मुजफ्फरनगर। मुज़फ्फरनगर में पुलिस वर्दी वाला गुंडा बन गयी है और गरीबों को लूट रही है, यह आरोप लगाते हुए एक पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जान बचाने की गुहार लगाई है। पीडि़तों ने सोशल मीडिया के माध्यम से भी प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ से पुलिस वाले गुंडों से बचाने में मदद मांगी है।
शनिवार को नई मंडी थाना क्षेत्र की बच्चन सिंह कॉलोनी निवासी बीरमबाला ने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर मीडिया सेंटर पर पत्रकार वार्ता कर खाकी धारियों द्वारा किए गए जुल्मों का बखान किया। पीडि़तों ने बताया कि पुलिस अधिकारियों ने बड़ी बेरहमी से सागर को नई मण्डी पुलिस ने मारपीट कर व घर वालों के जेल भेजने का भय दिखाकर जबरदस्ती जुर्म कबूल करवाया है। आरोप है कि पीडि़त को मण्डी पुलिस ने इतनी बुरी तरह से मारा कि उसकी कपड़ो में शौच निकल गयी। उनका आरोप है कि बेकसूर होते हुए भी अपराधी घोषित कर दिया गया।
पीडि़त परिवार ने बताया कि सागर उर्फ देव कश्यप 97/2023 अन्तर्गत धारा 364, 302, 201, 377 आईपीसी. व 3/4 पोक्सो एक्ट थाना नई मण्डी में मुकदमें में गत 26 फरवरी से बच्चा जेल में निरूद्ध था। उन्होंने बताया कि जेल में पुलिस कर्मियों के द्वारा मारपीट करते हुए सागर से जबरदस्ती हत्या का आरोप स्वीकार कर लेने के लिए मजबूर किया गया है।
पीडि़तों ने बताया कि एक ओर जहां प्रदेश को अपराध मुक्त प्रदेश बनाने का अभियान प्रदेश मुखिया योगी आदित्यनाथ ने चलाया है वहीं दूसरी ओर प्रदेश मुखिया के खाकी धारी द्वारा ही लोगो को जबरन इस दल दल में धकेला जा रहा है। आरोप है कि सागर ने यह अपराध किया ही नहीं और सही अपराधी पुलिस वालो की पकड़ से दूर है। आरोप है कि चंद रुपयों के लालच में रक्षा करने वाले रक्षक से राक्षस बन कर अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। पीडि़तों ने कहा कि पुलिस की गुंडई के कारण पीडि़त परिवार अपने घर से बेघर होकर भटक रहा है। वहीं मोहल्लेवासी भी पीडि़तों को उनके घर से बाहर रहने के लिए मजबूर कर रहे हैं। आरोप है कि खाकी धारियों ने अपने मजे एवं एक मेडल बढ़ाने के लिए एक ही परिवार के ग्यारह सदस्यों को बेघर कर दिया है।
पीडि़त बीरम बाला का कहना हैं कि गरीब असहाय लोगों को पुलिस प्रशासन पर ही भरोसा होता है कि कुछ भी गलत होने पर इंसाफ मिल जायेगा, मगर अब तो इंसाफ के मंदिर में बैठे अधिकारी भी इंसाफ चंद रुपयों में बेचने वाले ठेकेदार बन गए हैं। उनका आरोप है कि योगी राज मे खाकी की आड़ में केवल जेबों को भरने का कारोबार जोरो शोरो पर चल रहा है। आरोप है कि यदि पुलिस प्रशासन द्वारा किसी को गलती से उठा लिया गया तो उसको घर वापस आने के लिए दो से तीन लाख रुपयों का जुगाड अपने पास करना पड़ेगा, वरना बेकसूर होते हुए भी सजा काटनी पड़ेगी। ताकि उसकी जगह पर गुनाहगारो को छोड़कर अपनी तिजोरी को भरा जा सके।
पीडि़त परिवार ने जिला प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगाते हुए दोषियों को सख्त सजा दिलवाई जाने की मांग की है। वहीं उन्होंने प्रदेश मुखिया योगी आदित्यनाथ से भी ऐसे भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों पर जांच कर उन्हें सजा दिलवाई जाने की मांग की है। पीडि़त परिवार का कहना है कि यदि भ्रष्ट पुलिस प्रशासनिक अधिकारी विभाग में रहेंगे तो प्रदेश की जनता का विश्वास पुलिस प्रशासन से उठ जाएगा।
उनका कहना है कि यदि बेकसूर होते हुए भी पुलिसकर्मियों के द्वारा जेल भेजा जाएगा तो मजबूरन हाथों में शस्त्र उठाने पड़ जाते हैं और अपराध का रास्ता चुनकर इस दल दल में फंसना पड़ता है।