मुजफ्फरनगर। नगर निकाय चुनाव का मामला पिछडा वर्ग आरक्षण को लेकर हाई कोर्ट से होते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया, जिसके चलते स्थानीय निकाय चुनाव टल गये है। इसी कारण अब नगर निकायो में प्रशासक तैनात हो गये है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमैटी बनाकर नगर निकायों का संचालन करेगी, जिसमें पूर्व में चल रहे कार्य ही होते रहेंगे और कोई नया विकास कार्य नहीं कराया जायेगा।
इसी कडी में जनपद में नगर निकायों में बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने के करीब पांच दिन बाद अखिरकार शासन द्वारा रास्ता साफ कर देने के पश्चात अब पूरी तरह से प्रशासक राज स्थापित हो गया है। इसके लिए हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन में शासन से आये नये आदेशों के अनुरूप जिलाधिकारी ने अपनी अध्यक्षता में जनपद के दस नगर निकायों में दैनिक कार्यों के संचालन और विकास कार्यों की देखरेख के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है। इससे पहले आये शासनादेश में वित्तीय अधिकार को लेकर व्यवस्था स्पष्ट नहीं होने के कारण कमेटी का गठन नहीं किया गया था। अब जिलाधिकारी चन्द्रभूषण सिंह ने निकायों में वित्तीय अधिकार के लिए संयुक्त रूप से एडीएम प्रशासन और अधिशासी अधिकारी को अधिकार सौंपे हैं। दोनों मिलकर ही खातों का संचालन करेंगे। इसके साथ ही निकायों में बोर्ड कार्यकाल की समाप्ति के बाद से रूका हुआ कामकाज पटरी पर लौटेगा। दूसरी ओर नगरपालिका परिषद् के कर्मचारियों को भी दो माह का लंबित वेतन मिलने की उम्मीद जगी है।
मुजफ्फरनगर के सभी दस नगर निकायों के कार्यकाल के लिए प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने विगत 12 दिसम्बर को जारी आदेश में व्यवस्था दी थी कि जहां पर भी निकाय के निर्वाचित बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होगा, वहां पर निकायों के संचालन का कार्य प्रशासक के रूप में अधिशासी अधिकारी संभालेंगे। इस मामले में हाईकोर्ट में रिट की सुनवाई के दौरान 27 दिसम्बर को आये आदेश में शासन की इस व्यवस्था को भी बदल दिया गया। हाईकोर्ट ने आदेश दिये थे कि बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने पर डीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया जायेगा, जिसमें डीएम अध्यक्ष रहेंगे और उनके साथ निकाय के नगर आयुक्त व अधिशासी अधिकारी के अलावा डीएम एक जिला स्तरीय अधिकारी सदस्य के रूप में नामित कर सकते हैं। हाईकोर्ट के इसी आदेश को लेकर प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने सभी जिलाधिकारियों को विगत 4 जनवरी को निकायों के संचालन के लिए नया आदेश जारी किया था, इसमें हाईकोर्ट इलाहाबाद के फैसले का हवाला देते हुए डीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने के आदेश दिये गये थे। जनपद में पांच जनवरी की शाम को बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने पर उम्मीद की जा रही थी कि यहां पर डीएम की अध्यक्षता में कमेटी का गठन पहले दिन से ही हो जायेगी, लेकिन 10 जनवरी तक भी यह गठन नहीं हो पाया। बताया जा रहा है कि शासन से आये आदेश के तहत वित्तीय अधिकार का मामला स्पष्ट नहीं किया गया था। निकायों में वित्तीय अधिकार को संभालने के लिए पेंच फंस जाने के कारण ही जनपद में निकायों के संचालन के लिए कमेटी का गठन नहीं हो पाने से सभी दस निकायों में कामकाज ठप होकर रह गया था। मुजफ्फरनगर नगरपालिका में तो बोर्ड कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद भी पालिका कर्मियों का नवम्बर और दिसम्बर माह का वेतन भी अधर में लटका हुआ है। अब नई व्यवस्था में दो नगर पालिका व आठ नगर पंचायतों का संचालन होगा।