मुजफ्फरनगर। जनपद में खून के रिश्तों की संवेदना तार-तार हो गई। पोते की दुल्हन देखने को लालायित दादी की ब्रेन हेमरेज के चलते मौत हो गई। लेकिन परिवार में शादी की खुशियां मनाई जाती रहीं। रंग में भंग न पड़ जाए, इसलिए अंतिम संस्कार टालकर बुजुर्ग महिला का शव नामी अस्पताल के डीप फ्रीजर में 2 दिन के लिए रखवा दिया गया। इसके लिए बाकायदा अस्पताल प्रशासन को लिखित में अंडरटेकिंग भी दे दी गई।
इसकी जानकारी मृतका के सन्यासी बेटे को लगी तो उसने जबरन शव लेकर मां का अंतिम संस्कार कर दिया। सिसौली निवासी नरेंद्र गुप्ता के बेटे की शादी के मद्देनजर परिवार में खुशियां मनाई जा रही थी। इसी दौरान शनिवार को नरेंद्र गुप्ता की 75 वर्षीय माता कमला की हालत खराब होने के बाद उसे एक निजी नर्सिंगहोम में भर्ती कराया गया था। जहां उपचार के दौरान 10 जून को उसकी मौत हो गई। रिश्तों की संवेदना यहीं से तार-तार होना शुरू हुई। विगत 11 जून को भाई की शादी के मद्देनजर नरेंद्र गुप्ता के बेटे गौरव गुप्ता ने दादी कमला का अंतिम संस्कार करने के बजाय उसका शव एक बड़े निजी अस्पताल के डीप फ्रीजर में रखवा दिया।
गौरव गुप्ता पुत्र नरेंद्र गुप्ता निवासी सिसौली ने निजी अस्पताल संचालकों को बाकायदा लिखकर दिया कि उनके परिवार में शादी समारोह है। इसलिए वो उसकी दादी का शव अस्पताल में रखवा कर जा रहा है। 10 जून को बाकायदा लिखकर दिया गया था। जिसके तहत 12 जून को आकर शव ले जाने की बात कही गई थी।
मृतक कमला के सन्यासी बेटे शशि भूषण गोविंद महाराज को जब इस बात की जानकारी मिली कि उसकी मां का शव अस्पताल की मोर्चरी में रखा हुआ है। तब वह 10 जून की रात को ही अस्पताल पहुंचे और उनकी मां का शव लेकर शुक्रताल चले गए। रविवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। शक्ति भूषण के अनुसार, परिवार के लोगों ने 11 जून को प्रस्तावित शादी समारोह भी टाल दिया था।