मोरना। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के माफियाओं को मिट्टी में मिलाने के दावों के बीच मुज़फ्फरनगर में भूमाफिया बेकाबू हो गए लगते है। बीजेपी के कट्टर समर्थक माने जाने वाले परमधाम को भी उन्होंने शिकार बना लिया और मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल गौवंश को जिन्दा जलाकर ही मार डाला।
हस्तिनापुर सेन्चुरी क्षेत्र के गंगा खादर में आग लगने से शुक्रवार को चार बछडों की जलकर मौत हो गयी थी। शनिवार को परमधाम से जुडे अनुयायियों ने घटना पर भारी रोष प्रकट करते हुए भू माफियाओं पर आग लगाने के गम्भीर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।
गंगा खादर क्षेत्र में मुजफ्फरनगर व बिजनौर जनपद की सीमा पर शुक्रवार को परमधाम आश्रम की गौशाला की झोपडी में आग लग गयी थी, जिसमें चार बछडों की जलकर दर्दनाक मौत हो गयी थी तथा गौसेवक वंश भी झुलस कर घायल हो गया था।
शनिवार की सुबह परमधाम अनुयायी व ग्रामीण मौके पर पहुंचे तथा प्रशासनिक अधिकारियों से जांच की मांग की। प्रशासनिक अधिकारी के न पहुंचने पर रोष व्याप्त हो गया।
परमधाम से जुडे पकंज कुमार ने बताया कि सेंचुरी क्षेत्र में भूमाफियाओं ने सरकारी भूमि पर कब्जा किया हुआ है, जिन्होंने गौशाला की झोंपडी में आग लगाई है, जिससे चार बछडों की मौत हो गयी। पशु चिकित्सक डॉ. हेमन्त कुमार व डॉ. हरेन्द्र द्वारा बछडों के शव का पोस्टमार्टम किया गया। शुक्रताल चौकी इंचार्ज ललित कुमार ने मौके पर जाकर घटना की जानकारी की। इस दौरान मुख्य रूप से विकास, पदमसिंह, संजय प्रधान, उपेन्द्र, प्रवीण, हीरालाल, रजत, अरूण पाल, नीटू, रवि, कार्तिक, तपेन्द्र, सचिन, राजेन्द्र, हेमन्त, पुष्पेन्द्र, रामकेश आदि उपस्थित रहे।
क्या है पूरा मामला?: आपको बता दे कि 1984 में बैराज पर बांध बन जाने के बाद खादर क्षेत्र की इस भूमि को सिंचाई विभाग के संरक्षण में दिया गया था। सिंचाई विभाग द्वारा वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को दे दिया गया। ग्रामीणों के अनुसार कर्मचारियों की सांठगांठ के चलते सैकडों भूमाफिया इस भूमि पर अवैध कब्जा कर फसल उगा रहे हैं, जिससे गौवंश के लिए चारागाह समाप्त हो गयी हैं। जंगली जानवरों के लिए आश्रय भी समाप्त कर दिया गया है।
गौरक्षा का ढिंढोरा पीटने वाले भी नहीं पहुंचे: आपको यह भी बता दे कि परमधाम के संचालक चंद्र मोहन बीजेपी के कट्टर समर्थक है और जब किसान आंदोलन बीजेपी की चिंता बढ़ा रहा था तो धाम ही सरकार के पक्ष में किसानो की पंचायत करके माहौल को सामान्य बना रहा था। गौरक्षा व गौ संरक्षण का दावा करने वाली भाजपा सरकार का कोई भी
प्रतिनिधि गौवंश की मौत के बाद भी सुध लेने मौके पर नहीं पहुंचा, जिसे लेकर ग्रामीणों ने रोष प्रकट किया। शनिवार की सुबह घटनास्थल पर पहुंचे परमधाम अनुयायी घंटों तक प्रशासनिक अधिकारियों व भाजपा नेताओं के आने की प्रतीक्षा करते रहे किन्तु प्रशासनिक अधिकारी तो दूर भाजपा का कोई नेता भी मौके पर नहीं पहुंचा, जिससे नेताओं की कथनी करनी में अंतर को लेकर ग्रामीणों में चर्चाएं होती रही।