मुजफ्फरनगर। ऊर्जा निगम कर्मी गुरूवार रात 10:00 बजे से 72 घंटे की हड़ताल पर चले गए हैं। ऊर्जा निगम कर्मियों ने सर्किल ऑफिस में मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन जारी रखा है।
सर्किल ऑफिस में धरना दे रहे ऊर्जा निगम कर्मियों के अनुसार ऊर्जा मंत्री से गत तीन दिसंबर को हुए लिखित समझौते को प्रबंधन के टालमटोल वाले रवैए के चलते लागू नहीं किया जा रहा।
इसके साथ-साथ ओबरा और अनपरा की नई इकाइयां एनटीपीसी को देने व पारेषण के निजीकरण को लेकर उनका विरोध है। सारी बातों को लेकर ऊर्जा निगम कर्मियों ने धरना देते हुए प्रदर्शन किया। सर्किल ऑफिस में दिए गए धरने के दौरान संयोजक इंजीनियर मुकेश मुकीम ने कहा कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन के नकारात्मक रवैये के चलते बड़े टकराव को टालने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप की अपील की जा रही है।
उन्होंने कहा कि बुधवार को आम सभा के माध्यम से मुख्यमंत्री से ऊर्जा निगमों में कार्य का स्वच्छ वातावरण बनाए जाने के लिए हस्तक्षेप की प्रभावी अपील की गई थी। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि समझौते के क्रियान्वयन में सबसे बड़ी बाधा ऊर्जा निगम के चेयरमैन का रवैया बन रहा है।
उन्होंने कहा कि वह ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते को मानने से इंकार कर रहे हैं। आरोप लगाया कि ऊर्जा निगम के चेयरमैन का रवैया इतना नकारात्मक है कि शक्ति भवन में उपस्थित रहते हुए भी अपर मुख्य सचिव से संघर्ष समिति की वार्ता नहीं हो रही।
सर्किल ऑफिस पर धरना देते हुए ऊर्जा निगम कर्मियों ने बताया कि ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते का क्रियान्वयन सुनिश्चित नहीं हुआ है। इसलिए गुरुवार रात 10 बजे से उत्तर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगम के तमाम बिजली कर्मचारी जूनियर इंजीनियर, अभियंता एवं निविदा और संविदाकर्मी 72 घंटे की हड़ताल करने के लिए मजबूर हो गए हैं। हालांकि उर्जा निगम कर्मियों का कार्य बहिष्कार बुधवार से जारी है। गुरुवार को धरना सभा में एसडीओ आई पी सिंह, जेई नितिन अरोरा सहित सैकड़ों निगम कर्मी शामिल रहे।