Sunday, January 12, 2025

पीसीएस जे में गलती से अंक दिए गए थे कम, 6 साल बाद हाईकोर्ट ने दलित युवती को दिलाई नौकरी !

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीसीएस जे 2018 की भर्ती में लोक सेवा आयोग की गलती से 475 के बजाय 473 अंक देने के कारण चयन से वंचित अनुसूचित जाति की जान्हवी को 2018 बैच में प्राप्त अंक के आधार पर सेवा वरिष्ठता के साथ खाली एक पद पर नियुक्ति देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि याची बकाया वेतन के सिवाय सेवा जनित सभी सुविधाओं की हकदार होगी।

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कोर्ट ने कहा है कि नागरिक का अधिकार सर्वोच्च है। संविधान के अनुच्छेद 14 व 16 के तहत वह उम्मीद कर सकता है कि आयोग की चयन प्रक्रिया पारदर्शी, उचित व समान अवसर देने वाली होगी। चयन में मनमानी व अनुचित कार्य की उम्मीद नहीं की जा सकती।

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कोर्ट ने कहा किसी को हटाकर नियुक्ति का आदेश नहीं दिया जा सकता। क्योंकि 2018 बैच का एक पद खाली है, इसलिए याची को नियुक्ति पाने का अधिकार है। यह आदेश न्यायमूर्ति एस डी सिंह तथा न्यायमूर्ति डोनादी रमेश की खंडपीठ ने जान्हवी की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।

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आयोग ने 2018 मे पीसीएस जे की 610 पदो की भर्ती निकाली। लिखित परीक्षा व साक्षात्कार के बाद फाइनल परिणाम घोषित किया गया। इसके तुरंत बाद याची ने आरटीआई डाली और कापी निरीक्षण के बाद पता चला कि उसे दो अंक कम दिए गए हैं। जिस पर हाईकोर्ट में समय रहते याचिका दायर की। अंतरिम आदेश हुए किंतु प्रक्रियात्मक खामियों के चलते याचिका तीन साल तक लम्बित रही।

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आयोग ने कहा कि 2018 की भर्ती के बाद दो भर्तियां 2020 व 2022 में हो चुकी है। अब उसे याची की नियुक्ति की संस्तुति भेजने का अधिकार नहीं है। वह फाइनल परिणाम पर पुनर्विचार नहीं कर सकता। कोर्ट ने कहा कि देरी के लिए याची की कोई ग़लती नहीं है। राज्य सरकार ने जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं किया और बिना आयोग की संस्तुति के नियुक्ति अधिकारी राज्य याची की नियुक्ति नहीं कर सकता।

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हाईकोर्ट के अधिवक्ता ने बताया कि 2018 बैच का एक पद खाली है। जिस पर कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कहा सरकार नियुक्ति अधिकारी है। उसने भर्ती की जिम्मेदारी आयोग को सौंपी है। संविधान के अनुच्छेद 12 के अंतर्गत दोनों राज्य है। याची की आयु 33 वर्ष है। अभी नियुक्ति होने पर वह 27 साल सेवा कर सकती है। एक पद खाली भी है। इसलिए वह नियुक्ति पाने की हकदार हैं और कोर्ट ने नियुक्ति का आदेश जारी किया है।

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