सहारनपुर। जिलाधिकारी ने कहा कि आज जनपद भ्रमण के दौरान ग्राम बीतिया के कृषक लोकेश द्वारा नेपियर घास के उत्पादन में किये गये उत्कृष्ट कार्य को देखकर मन प्रफुल्लित हुआ।
उन्होने कहा कि जुलाई से नेपियर घास उत्पादन का कार्य इन्होने प्रारम्भ किया था जिसकी एक कटाई हो चुकी है। अब भी इनकी फसल दोबारा तैयार हो रही है। उन्होने कृषक लोकेश की प्रशंसा करते हुए कंबल भेंटकर सम्मानित किया। उन्होने कहा कि इस कार्य हेतु अन्य कृषकों को प्रेरित करें एवं उन्हें बीज भी उपलब्ध कराएं।
इसके फायदे बताते हुए उन्होने कहा कि नेपियर घास का उत्पादन हरे चारे की निरंतर उपलब्धता के लिए आत्मनिर्भरता, विशेष रूप से पूरे वर्ष निराश्रित एवं आश्रित पशुओं के पोष्टिक आहार के रूप में बेहतर विकल्प है। उन्होने कहा कि नैपियर घास की बुआई को प्रोत्साहित किया जाए क्योंकि नैपियर घास का उत्पादन वर्ष भर किया जा सकता है। ये एक पौष्टिक चारा है जोकि न केवल खाद्यान्न आवश्यकता को पूर्ण करेगा बल्कि पशुओं को स्वस्थ रखने में मदद करेगा।
उन्होने कहा कि हरे चारे से दुग्ध उत्पादन मे वृद्धि होगी जिससे बच्चे स्वस्थ होंगे तभी शिक्षित होंगे, देश का आर्थिक उन्नयन होगा एवं विकसित भारत की कल्पना में अपना पूर्ण योगदान दे सकेंगे। उन्होने जनपद के कृषक बंधुओं से नेपियर घास के उत्पादन को बढाने की अपील की। उन्होने कृषक लोकेश की मेहनत एवं सार्थक प्रयास की सराहना की।
डॉ0 दिनेश चन्द्र ने बताया कि पंचवर्षीय हरा चारा प्रबन्धन एवं निरंतर हरे चारे की उपलब्धता बनाए रखने के क्षेत्र में नेपियर घास की महत्ता को स्थापित करने की यात्रा जनपद बहराईच से प्रारम्भ की गई थी जिसका सफल प्रयोग जनपद सहारनपुर में भी किया गया।
इस कार्य को शासन स्तर पर शासनादेश के माध्यम से सभी जनपदों में लागू करने के निर्देश दिये गये। इस हेतु जिलाधिकारी को प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।