खनऊ.शाहजहांपुर – शाहजहांपुर नगर निगम के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) की महापौर पद की प्रत्याशी अर्चना वर्मा ने रविवार को उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक की मौजूदगी में यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ग्रहण की। आपको बता दें कि अर्चना वर्मा सपा सरकार में मंत्री रहे राममूर्ति वर्मा की बहू हैं। सपा सरकार में शाहजहांपुर में पत्रकार को जला देने के मामले में मंत्री राममूर्ति वर्मा पर ही गंभीर आरोप लगे थे। उस समय बीजेपी ने इनके ससुर के खिलाफ पूरा हंगामा किया था लेकिन आज उनकी तारीफ में जमकर पुल बांधे।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने भी ट्वीट कर शाहजहांपुर में सपा की महापौर प्रत्याशी अर्चना वर्मा के भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने पर उनका स्वागत किया। श्रीमती वर्मा के सदस्यता ग्रहण के अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर, प्रदेश उपाध्यक्ष बृजबहादुर भारद्वाज, प्रदेश महामंत्री संजय राय व रामप्रताप सिंह चौहान मौजूद थे। उपमुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक ने पार्टी का पटका पहनाकर और पुष्प गुच्छ देकर श्रीमती वर्मा को उनके समर्थकों समेत भाजपा की सदस्यता ग्रहण कराई।
श्री पाठक ने कहा कि श्रीमती वर्मा को शाहजहांपुर नगर निगम के महापौर पद के लिए सपा ने प्रत्याशी घोषित किया था। लेकिन सपा की रीति नीति से वह खुद को बहुत असहज महसूस कर रही थी। सपा के क्रिया कलाप के साथ खुद को जोड़ नहीं पा रही थी। महिलाओं, बहनों के साथ जो अत्याचार-अनाचार सपा सरकार के दौरान हुआ, उसकी पीड़ा लम्बे समय से इनके मन में थी। लेकिन सपा ने जब महापौर पद के लिए इन्हें प्रत्याशी घोषित किया तो श्रीमती वर्मा ने निर्णय लिया कि राष्ट्र सेवा के संकल्प के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भाजपा की रीति नीति एवं सिद्धान्त के साथ रहकर गांव, गरीब, किसान की खुशहाली के लिए कार्य करेंगी।
गौरतलब है कि शाहजहांपुर में मेयर पद का चुनाव पहली बार होने जा रहा है। चुनाव आयोग ने शाहजहांपुर मेयर का पद पिछड़ा वर्ग महिला आरक्षित किया था। शाहजहांपुर में सपा के कद्दावर नेताओं में गिनती रखने वाले पूर्व मंत्री स्वर्गीय राममूर्ति वर्मा की बहु अर्चना वर्मा इससे पहले सपा से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस बार मेयर पद के लिए अपना प्रत्याशी बनाकर उन्हे मैदान में उतारा था। श्रीमती वर्मा 24 अप्रैल को अपना नामांकन कराने वाली थीं लेकिन रविवार शाम उन्होने सपा का दामन छोड़कर लखनऊ में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली।
इस दौरान ब्रजेश पाठक कहा, ”अर्चना सपा से खुश नहीं थीं। इसलिए अब उन्होंने सही जगह चुनी है।”
आज उनके ससुर राममूर्ति वर्मा की दूसरी पुण्यतिथि भी थी। भाजपा जॉइन करने के करीब 3 घंटे पहले उन्होंने अपने ससुर को फूल-माला अर्पित कर श्रद्धांजलि भी दी। वहीं, दो दिन पहले ही सपा जिलाध्यक्ष तनवीर ने दावा किया था कि 24 अप्रैल को अर्चना वर्मा नामांकन कराएंगी। उन्होंने कहा था कि सपा प्रत्याशी इतनी मजबूत है कि भाजपा डर रही है। इसलिए अभी तक उन्होंने प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। मगर, अर्चना वर्मा के पाला बदलने से सपा को तगड़ा झटका लगा है।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, “मैं कह सकता हूं कि अर्चना वर्मा के परिवार ने समाज सेवा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई है। अर्चना वर्मा के ससुर और पूर्व मंत्री राममूर्ति वर्मा दो बार सांसद रहे। वह चार बार के विधायक रहे और दो बार मंत्री रहे हैं। सबसे अहम बात यह है कि अभी जो हाल ही में निकाय चुनाव होने वाले हैं। उसमें शाहजहांपुर में सपा ने अर्चना को अपना उम्मीदवार बनाया था। लेकिन, वह पार्टी की रीति-नीति से बहुत दुखी थीं। खुद को उनसे जोड़ नहीं पा रही थीं। उनकी पार्टी में माताओं-बहनों के साथ अन्याय हो रहा था। उससे अर्चना को बहुत पीड़ा हो रही थी। वह इसे लंबे समय से महसूस कर रही थीं। इसी वजह से उन्होंने भाजपा को चुना है।”
इस मौके पर सुरेश खन्ना ने कहा, “अर्चना वर्मा को हम इसलिए भी बधाई देते हैं कि उन्होंने साहस करके सपा से दूर होने का फैसला किया है। उन्होंने जो कदम उठाया, उसके लिए उन्हें बहुत-बहुत बधाई। अर्चना वर्मा के ससुर ने लंबे समय तक राजनीति की है।”
जिला पंचायत अध्यक्ष और अन्य सभी सपा के शाहजहांपुर के उम्मीदवारों को लगातार BJP तोड़ रही है? इस सवाल पर सुरेश खन्ना ने कहा, “यह उनकी पीड़ा है। वह उनकी नीतियों से आहत होकर पार्टी छोड़ रहे हैं। भाजपा में आ रहे हैं।”
गुटबाजी से बहुत परेशान हो चुके थे- अर्चना
वहीं, अर्चना ने कहा, “हम गुटबाजी से बहुत परेशान हो चुके थे। लेकिन, पीएम नरेंद्र मोदी की राष्ट्रवाद और उनकी नीति से प्रभावित होकर भाजपा शामिल हुए हैं।”