शामली। उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में समाज कल्याण विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां एक जीवित वृद्ध को मृत घोषित कर उसकी वृद्धा पेंशन रोक दी गई। पीड़ित को इस मामले की जानकारी तब हुई जब वह महीनों से बंद अपनी पेंशन की जानकारी लेने समाज कल्याण विभाग के दफ्तर पहुंचा।
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अधिकारियों ने उसे बताया कि रिकॉर्ड में उसे मृत दिखाया गया है, इसलिए उसकी पेंशन बंद कर दी गई है। इस पर वृद्ध व्यक्ति सीधे जिलाधिकारी के पास पहुंचा और अपनी व्यथा सुनाई। कहा कि साहब मैं जिंदा हूं और मेरी वृद्ध पेंशन पून: शुरू करा दीजिए। जिलाधिकारी ने वृद्ध को जांच के उपरांत उचित कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है।
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कांधला निवासी वृद्ध मलका गुरुवार को शामली कलेक्ट्रेट पहुंचा और जिलाधिकारी को शिकायत पत्र सौंपा। उसने बताया कि वह गरीब और बेसहारा है तथा सरकार से मिलने वाली वृद्धा पेंशन पर आश्रित है। पिछले कई महीनों से पेंशन न मिलने पर जब उसने समाज कल्याण विभाग में पूछताछ की, तो उसे बताया गया कि सरकारी रिकॉर्ड में वह मृत दर्ज है, इसलिए उसकी पेंशन रोक दी गई है।
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वृद्ध यह सुनकर हैरान रह गया और जब समाधान के लिए अधिकारियों से बात की, तो उन्होंने उसे टालते हुए बड़े बाबू से मिलने की सलाह दी। पीड़ित व्यक्ति तब से ही विभिन्न सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटकर खुद को जीवित साबित करने में जुटा है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ।
इस मामले से समाज कल्याण विभाग की घोर लापरवाही सामने आई है। यदि विभाग अपने दायित्व का सही तरीके से निर्वहन करता और लाभार्थियों का उचित सत्यापन करता, तो वृद्ध को अपने जीवित होने का प्रमाण देने के लिए दर-दर की ठोकरें नहीं खानी पड़तीं।
अब जिलाधिकारी ने वृद्ध को उचित जांच के बाद समाधान का आश्वासन दिया है। पीड़ित ने प्रशासन से अपील की है कि उसकी पेंशन जल्द से जल्द बहाल की जाए ताकि वह दोबारा सामान्य जीवन जी सके।