शामली। उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में कुछ लोगों द्वारा शमशान भूमि में खड़े दर्जनो हरे भरे वृक्षों पर अवैध तरीके से आरा चलवाए जाने का मामला सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि उक्त पेड़ों को बिना किसी परमिशन के काटकर लाखों रुपए में बेचा गया है। जिससे ग्राम पंचायत को भी लाखों रुपए की हानि हुई है। जिसके संबंध में ग्रामीणों द्वारा वन विभाग पहुंचकर प्रदर्शन किया गया और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए वन रेंजर को एक शिकायती पत्र सोपा गया है। वही शमशान भूमि में इतने बड़े पैमाने पर वृक्षों की कटाई होना का मामला कहीं ना कहीं वन विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया चिन्ह लगा रहा है।
आपको बता दे पूरा मामला शहर कोतवाली क्षेत्र के गांव झाल का है। जहाँ रहने वाले दर्जनों ग्रामीण ट्रैक्टर ट्राली में सवार होकर कैराना रोड नहर पटरी वन विभाग के कार्यालय पर पहुंचे। जहाँ उन्होंने वन रेंजर राजेश कुमार को शिकायती पत्र देते हुए बताया कि उनके गांव में हडवारे व शमशान की भूमि है, जो की ग्राम सभा की संपत्ति है। आरोप है कि उक्त भूमि पर शीशम, सागौन सहित अन्य प्रजातियों के करीब 80-85 पेड़ खड़े हुए थे। जिन्हें गांव के ही कुछ लोगों द्वारा चोरी छुपे काटकर लाखों रुपए में बेच दिया गया है। जिसके चलते ग्राम पंचायत को करीब 3 लाख रूपये की हानि हुई है। शमशान भूमि से पेड़ काट कर बेचे जाने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। जिसके चलते ग्रामीणों ने वन रेंजर से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के जाने व ग्राम सभा को हुई हानि की क्षतिपूर्ति कराए जाने की माग की है।