नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले से जुड़े मुकदमे इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर करने को चुनौती देने के मामले पर सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों से लिखित दलीलें दाखिल करने को कहा। जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ट्रांसफर से जुड़े हाई कोर्ट के आदेश के कानूनी पहलू पर विचार करेंगे।
सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया कि मथुरा और इलाहाबाद के बीच करीब 600 किलोमीटर की दूरी है जबकि दिल्ली की दूरी 100 किलोमीटर के करीब है, ऐसे मे इलाहाबाद की बजाय मामले को दिल्ली ट्रांसफर किया जाए। मुस्लिम पक्ष ने इसके पीछे फण्ड और दूरी का हवाला देते हुए ट्रांसफर का विरोध किया। तब कोर्ट ने कहा कि मामले को दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग सही नहीं है, क्योंकि दिल्ली हाई कोर्ट में पहले से ही काम का बोझ काफी है।
21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले से जुड़े मामलों की सूची सौंपने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि मामले के महत्व को देखते हुए हाई कोर्ट में सुनवाई ठीक ही लग रही है। दरअसल, मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। 26 मई को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद से जुड़े सभी केस अपने पास ट्रांसफर कर लिए थे। मस्जिद कमेटी ने यह आदेश रद्द करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट का फैसला तथ्यों और कानून के आधार पर सही नहीं है। याचिका में कहा गया है कि यह आदेश याचिकाकर्ता के अपील के वैधानिक अधिकार को भी समाप्त कर देगा, क्योंकि यह मुकदमे के दो अपीलीय चरणों को खत्म कर रहा है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में मथुरा की निचली अदालत में चल रहे सभी मामलों को अपने पास ट्रांसफर करते हुए कहा था कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े सभी मुकदमों पर हाई कोर्ट सुनवाई करेगा। हालांकि हिंदू पक्ष इस मामले में पहले ही सुप्रीम कोर्ट में केवियट याचिका दाखिल कर चुका है।