रांची। करीबी दोस्त विनोद सिंह की व्हाट्सएप चैटिंग ने झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है। ईडी ने कुल 539 पन्नों में चैटिंग का प्रिंट आउट निकाला है और अब इसके आधार पर उसकी जांच का दायरा अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में कथित तौर पर लेन-देन से लेकर कई तरह के कारोबारी डील तक बढ़ना तय माना जा रहा है।
विनोद सिंह रांची के एक जाने-माने आर्किटेक्ट हैं और उनके ठिकानों पर ईडी ने जनवरी महीने की शुरुआत में छापेमारी कर मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और कई दस्तावेज जब्त किए थे। उन्होंने हेमंत सोरेन को अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए मोटी रकम के ऑफर वाले मैसेज भेजे थे। व्हाट्सएप पर झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की परीक्षा के अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड सहित कई तरह के दस्तावेज भी हेमंत सोरेन से शेयर किए गए हैं।
ईडी ने इस चैटिंग के कुछ अंश अदालत में बुधवार को पेश किए हैं। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि विनोद सिंह की ओर से लेन-देन वाले जो मैसेज भेजे गए थे, उन पर हेमंत सोरेन की ओर से क्या जवाब दिए गए थे। चैटिंग का यह ब्योरा वर्ष 2020 का है। इस चैटिंग को लेकर अब विपक्ष हेमंत सोरेन पर हमलावर है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ईडी ने न्यायालय में हेमंत सोरेन की रिमांड अवधि बढ़ाने के लिए दिए गए आवेदन में चौंकाने वाले दस्तावेज जमा किए हैं। उन्होंने कहा, “यह साफ हो गया है कि हेमंत सोरेन ने झारखंड में ट्रांसफर-पोस्टिंग को अपनी काली कमाई का उद्योग बना लिया था। करोड़ों रुपये घूस देकर मनचाही पोस्टिंग पाने वाले अफसर जनता से अवैध वसूली कर हेमंत सोरेन की तिजोरी भरने का काम किया करते थे। थाना, प्रखंड, अंचल, जिला कार्यालय से लेकर सचिवालय तक जनता वसूली से त्रस्त थी। हेमंत सोरेन के संरक्षण में दलाल-बिचौलियों द्वारा चलाए जा रहे इस भ्रष्ट खेल का अब भंडाफोड़ हो चुका है। झारखंड के गरीब, दलित, आदिवासी और युवाओं का हक लूटने वाली इस भ्रष्टाचारी सरकार से अब जनता हिसाब करेगी।”
मरांडी ने कहा कि विनोद के घर से बड़ी संख्या में बेरोजगारों के एडमिट कार्ड बरामद हुए हैं, जिनसे पैसे लेकर नौकरी दिलवानी थी। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, “हेमंत जी, आखिर झारखंड के गरीब छात्रों के भविष्य को बेचने की क्या कीमत लगाई है आपने?”
इसी तरह भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एक्स पर लिखा है, “झारखंड में जेएसएसी, जिसमें हमारे 8 लाख बच्चों का भविष्य दांव पर था, उसका प्रश्न पत्र लीक होना, तथा उस विनोद सिंह के यहां कुछ एडमिट कार्ड बरामद होना, जिसका पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के साथ लेन-देन का रिश्ता उजागर हुआ है। क्या इस पैसे के लेन-देन या छात्रों के भविष्य को चंद पैसे के लिए बर्बाद करने वाले मास्टरमाइंड तक ईडी की जांच नहीं जानी चाहिए ? भ्रष्टाचार देखना हो तो झामुमो, कांग्रेस, राजद की सरकार देखने झारखंड आइए।”