लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधायकों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। अब यूपी में विधायक के काफिले में लगी सभी गाड़ियों को विधानसभा पास की सुविधा नहीं मिलेगी। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अप्रैल के आखिर तक पहले से जारी सभी विधानसभा पास निरस्त करने के निर्देश दिए हैं। इसके स्थान पर अब रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) पास जारी किए जाएंगे। नए नियम के तहत प्रत्येक विधायक को केवल दो पास मिलेंगे।
2000 रु तक के भीम-यूपीआई भुगतान 2025-26 में भी रहेंगे प्रभार मुक्त
इस फैसले से विधायक और पूर्व विधायक के नाम पर जारी होने वाले अनगिनत पासों पर रोक लग जाएगी। यूपी विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान 5 मार्च 2025 को विधानसभा में स्पीकर सतीश महाना ने कहा था कि विधायकों के वाहनों के लिए जो पास विधानसभा सचिवालय से जारी किए जाते हैं, उनका फर्जी तरीके से दुरुपयोग किया जा रहा है। डुप्लीकेट पास बनाकर इन्हें अनधिकृत रूप से उपयोग में लाया जा रहा है, जिससे सुरक्षा के गंभीर प्रश्न उत्पन्न हो रहे हैं।
गाजीपुर: जेल के अंदर पीसीओ मामले में बड़ी कार्रवाई, जेल अधीक्षक निलंबित
स्पीकर ने यह भी बताया कि इस तरह के मामलों की जांच के लिए शासन के गृह विभाग को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने सभी सदस्यों से अपील की कि वे इस संबंध में सहयोग प्रदान करें और आवश्यक कदम उठाएं। महाना ने स्पष्ट किया कि विधायकों को केवल दो वाहनों के लिए पास अनुमन्य हैं और इसके अतिरिक्त किसी अन्य वाहन के लिए पास निर्गत करने पर रोक लगा दी गई है।
बिल गेट्स ने पीएम मोदी से की मुलाकात, दोनों के बीच तकनीक समेत तमाम मुद्दों पर हुई चर्चा
इस निर्णय के बाद अब विधायकों से अपेक्षा की गई है कि वे केवल दो वाहन पास के लिए ही अनुरोध करें। इस नई व्यवस्था से विधानसभा की सुरक्षा मजबूत होगी और पासों के दुरुपयोग पर रोक लगेगी।