कानपुर। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के साथ लगातार चल रही पछुआ हवाओं से उत्तर प्रदेश में धुंध और शीतलहर बरकरार है। अधिकांश जनपदों का न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे चल रहा है जिससे धूप निकलने के बावजूद बेअसर साबित हो रही है। मौसम विभाग का कहना है कि फरवरी माह के पहले सप्ताह तक मौसम ऐसा ही बने रहने की संभावना है।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने बुधवार को बताया कि 2018 के बाद से जनवरी 2024 का महीना सबसे शुष्क रहा है। 25 जनवरी से उत्तर भारत की पहाड़ियों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। कल मध्यम तीव्रता का पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है। इसे एक अन्य प्रणाली के साथ मिलकर सुदृढ़ किया जाएगा।
इसके अलावा, मैदानी इलाकों में कमजोर प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण बनेगा, जिससे मौसम गतिविधि का प्रसार बढ़ेगा। पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव महीने के अंत तक बना रहेगा। हालांकि, पंजाब और हरियाणा के मैदानी इलाकों और तलहटी इलाकों में भी महीने के अंत और फरवरी की शुरुआत में कुछ समय के लिए बारिश हो सकती है। मौसम की इन गतिविधियों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में फिलहाल सर्दी कम होने वाली नहीं है और अधिक तापमान गिरने से कुछ जनपदों में पाला की भी स्थिति बन सकती है।
उन्होंने बताया कि कानपुर में अधिकतम तापमान 16.0 और न्यूनतम तापमान 5.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 97 और दोपहर की सापेक्षिक आर्द्रता 68 प्रतिशत रही। हवाओं की दिशाएं उत्तर पश्चिम रहीं जिनकी औसत गति 4.6 किमी प्रति घंटा रही। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले पांच दिनों आसमान साफ रहने के कारण वर्षा की कोई संभावना नहीं है। प्रातःकाल एवं रात्रि के समय शीत लहर के साथ सुबह शाम धुन्ध और घना कुहरा छाये रहने के आसार है। दिन में हल्की धूप भी निकालने की भी संभावना है।