Monday, December 23, 2024

किसमें कितना पानी

भोजन के साथ-साथ पानी भी हमारे शरीर के लिए उतना ही अहम है। हर दिन शरीर की अलग-अलग क्रि याओं में पानी की खपत होती है।
यदि कम मात्रा में पानी पिया जाए तो हम डिहाइड्रेशन के शिकार हो सकते हैं और विभिन्न प्रकार की समस्याएं सामने आ सकती हैं। आइए जानते हैं कैसे पानी अलग-अलग क्रियाओं में शरीर से बाहर निकलता है।

रोने से कम होता है पानी :  आंसू हमारी आंखों की नमी बनाए रखते हैं और ये गंदगी को भी अपने साथ बहा ले जाते हैं। यदि कोई अधिक भावनात्मक है और बात-बात पर आंसू बहाता है तो उससे भी शरीर से अधिक मात्रा में पानी निकल जाता है।

कफ के साथ: ऐसा नहीं कि बहती हुई नाक केवल बच्चों की ही होती है। शरीर में हर दिन करीब 1 लीटर कफ बनता है जिसमें 95 प्रतिशत तक पानी होता है। यह फेफड़ों को बैक्टीरिया से बचाता है और संवेदनशील अंगों जैसे आंतों और सेक्स ऑर्गन्स को चिकना बनाता है।

मां के दूध में भी पानी: मां के दूध में भी 90 प्रतिशत तक पानी होता है और 10 प्रतिशत प्रोटीन, फैट, अमीनो एसिड और एंटीबॉडीज होते हैं। नवजातों के लिए यह किसी अमृत से कम नहीं।
पसीना बहने पर: पसीने में 99 प्रतिशत तक पानी होता है। पसीना आता है तो हमारी त्वचा और शरीर अंदर से ठंडे हो जाते हैं। चूंकि पसीना निकलने की प्रक्रिया में शरीर से अशुद्धियां भी बाहर निकल जाती हैं, इसलिए इसके बाद खुद को रिहाइड्रेट करना न भूलें।

कोशिकाओं की कार्यप्रणाली में:  हमारे शरीर के अंदर ही मानो छोटा-सा समंदर है। कोशिकाओं में मौजूद सॉल्टवॉटर करीब 40 प्रतिशत तक बॉडी मास का निर्माण करता है।

खून में होता है पानी: खून के तरल भाग में 92 प्रतिशत पानी होता है। ब्लड प्रेशर के स्तर को सामान्य बनाए रखने के लिए पुरूषों को कम से कम 16 कप पानी और महिलाओं को 11 कप पानी जरूर पीना चाहिए।

टपकती हुई लार: लार में 99 प्रतिशत तक पानी होता है। बोलने, खाने आदि क्रियाओं में लार की जरूरत होती है। यह एंजाइम्स, प्रोटीन को तोडऩे का काम करती हैं जो दांतों को सुरक्षा प्रदान करती हैं। साथ ही एंटीमाइक्र वायल्स कीटाणुओं से लड़ते हैं। हल्का कट-छिल जाने की स्थिति में उस जगह पर लार लगाने से खून का बहाव रूक जाता है।

यूरिनेशन के जरिए: हमारा भोजन, टॉक्सिन्स और हमारे इम्यून सिस्टम की स्थिति सब कुछ यूरिन के जरिए ही पता चल जाती है जिसमें लगभग 95 प्रतिशत तक पानी होता है। यूरिन का हल्का पीला रंग अच्छा होता है, गहरे पीले रंग के यूरिन से पता चलता है कि आपको और पानी पीने की जरूरत है। लाल या भूरा रंग यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का संकेत होता है।
– नरेंद्र देवांगन

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,303FansLike
5,477FollowersFollow
135,704SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय