Sunday, May 18, 2025

त्रिपुरा में डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा, 40 टीएलपीडी दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र का उद्घाटन

अगरतला। केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने शनिवार को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा और केंद्रीय राज्य मंत्री एस.पी. सिंह बघेल के साथ पश्चिमी त्रिपुरा जिले के बामुतिया में गोमती सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड के 40 हजार लीटर प्रति दिन (टीएलपीडी) क्षमता वाले दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र का उद्घाटन किया। इस नई सुविधा से त्रिपुरा के डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर में उल्लेखनीय वृद्धि होने, अन्य राज्यों से दूध आयात पर निर्भरता कम होने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की उम्मीद है। केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने उद्घाटन के बाद पत्रकारों से कहा कि केंद्र सरकार त्रिपुरा में डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की अपार संभावनाएं देखती है। सरकार का मानना है कि त्रिपुरा में संसाधन और क्षमता है।

उन्होंने मुख्यमंत्री को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने घोषणा की कि पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल जून में त्रिपुरा का दौरा करेगा। यह दौरा मुख्यमंत्री की उपलब्धता के आधार पर आत्मनिर्भरता मिशन के लिए रोडमैप तैयार करने के उद्देश्य से होगा। गोमती सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड के अध्यक्ष रतन घोष ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 के बाद से पूर्वोत्तर क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ है। बामुतिया में गोमती यूनिट-2 के इस संयंत्र के निर्माण में केंद्र सरकार ने 19 करोड़ रुपए और राज्य सरकार ने दो करोड़ रुपए का योगदान दिया। कुल 24 करोड़ रुपए की लागत से बने इस संयंत्र की क्षमता 40,000 लीटर प्रति दिन है, जिसमें 30,000 लीटर दूध और 10,000 लीटर दही, पनीर, आइसक्रीम और लस्सी जैसे उत्पादों के लिए है। यह पूर्वोत्तर का सबसे बड़ा डेयरी संयंत्र है। रतन घोष ने बताया कि त्रिपुरा में 178 दुग्ध सहकारी समितियों के माध्यम से लगभग 5,000 किसान इस सहकारी क्षेत्र से जुड़े हैं।

इस संयंत्र से स्थानीय किसानों को लाभ होगा। मुख्यमंत्री की पहल पर गोपालकों को 5,000 रुपए का अनुदान और डेयरी विकास अधिकारियों के माध्यम से गाय खरीदने के लिए ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हुई है। पहले गोमती के पास तीन दुग्ध वितरण केंद्र थे, जो अब बढ़कर 12 हो गए हैं। ‘टम-टम’ वाहनों की संख्या भी तीन से बढ़कर अधिक हो गई है, जिससे घर-घर दूध पहुंचाया जा रहा है। गोमती सहकारी से जीबी अस्पताल, आईजीएम अस्पताल, बीएसएफ, सेना और सीआरपीएफ को दूध की आपूर्ति की जाती है। सहकारी तीन प्रकार का दूध, दो प्रकार का पनीर, 13 प्रकार की आइसक्रीम और 73 प्रकार की मिठाइयां बनाता है। विशेष रूप से, गाय के शुद्ध दूध से घी का उत्पादन होता है, जिसकी गुणवत्ता को सहकारी की अपनी प्रयोगशाला में जांचा जाता है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि उच्च गुणवत्ता वाला दूध उपलब्ध हो। यह संयंत्र त्रिपुरा की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और स्थानीय दूध उत्पादकों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

87,026FansLike
5,553FollowersFollow
153,919SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय