नोएडा। नोएडा के कई नामी बिल्डरों के खिलाफ जारी आयकर विभाग की कार्रवाई चौथे दिन भी जारी रही। इस कार्रवाई के बाद रियल स्टेट कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है। आयकर विभाग की रेड में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं।
भूटानी, एडवेंट, लॉजिक्स और ग्रुप-108 बिल्डर के यहां चार दिन पहले रेड डाली गई। बताया जा रहा है कि इसमें करीब 2 हजार करोड़ के लोन में खेल उजागर हुआ है। आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में छापेमारी के दौरान कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
नोएडा के अलावा गुरुग्राम, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में भी बिल्डर के कार्यालयों और प्रोजेक्ट साइट पर दस्तावेजों की जांच की जा रही है। पिछले 70 घंटे से आधा दर्जन से अधिक टीमें चार बिल्डरों के कॉरपोरेट ऑफिस और प्रोजेक्ट साइटों समेत 40 ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई कर रही हैं। टीम मौके से मिले संदिग्ध दस्तावेज भी खंगाल रही हैं।
बताया जा रहा है कि इस कार्रवाई में आयकर विभाग को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे हैं। इनकम टैक्स के 100 से अधिक अफसर लेनदेन का ब्यौरा खंगाल रहे हैं। करोड़ों के कैश और 50 करोड़ के गलत लेनदेन की जानकारी इनकम टैक्स के हाथ लगी है। कमर्शियल प्रॉपर्टी में 40 फीसदी नकदी खपाने की भी जानकारी मिली है। बड़े स्तर पर टैक्स चोरी के इनपुट के चलते चौथे दिन भी कार्रवाई जारी रही ।
अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी के दौरान किसी को बाहर से अंदर या अंदर से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा। सभी लोगों के फोन और लैपटॉप को कब्जे में लेकर छानबीन की जा रही है। डिपार्टमेंट की ओर से बताया गया है कि लॉजिक्स ग्रुप ने इंडिया बुल्स से करीब 2 हजार करोड़ का लोन लिया है।
इस लोन के बाद उसने नोएडा में पांच से छह प्लॉट खरीदे हैं। ये प्लॉट ऑफिस और कॉमर्शियल स्पेस के लिए थे। यहां निर्माण शुरू किया गया, लेकिन आधे-अधूरे निर्माण के बाद लॉजिक्स ने काम पर रोक लगा दी। उधर, इंडिया बुल्स की ओर से लगातार लोन जमा करने का दबाव बढ़ाया गया। जिसके चलते लॉजिक्स ने भूटानी ग्रुप के साथ एक एग्रीमेंट साइन किए। इसके तहत भूटानी ग्रुप इनका कॉमर्शियल स्पेस बनाएगा और सेल करेगा। इस प्रोजेक्ट में जो प्रॉफिट आएगा, उससे धीरे-धीरे लोन के पैसे लॉजिक्स को भुगतान के रूप में दिया जाएगा।
बताया जा रहा है कि कमर्शियल स्पेस बेचने में टैक्स चोरी का पूरा खेल हुआ था। इस फर्जीवाड़े में 40 प्रतिशत कैश लिया जाता था। ये पूरा खेल लॉजिक्स ग्रुप के कमर्शियल प्लॉट स्पेस को बेचने को लेकर किया गया। लॉजिक्स ने इसके लिए भूटानी ग्रुप से इंटरनल एग्रीमेंट किया, जिसके तहत भूटानी ने इस स्पेस को बेचना शुरू किया। यहां अधिकांश पैसा ब्लैक में खपाया गया। लगभग एक प्लॉट को बेचने में 40 प्रतिशत तक की धनराशि कैश में ली गई। इसके न कोई पक्के दस्तावेज होते हैं और न ही कोई लीगल डाक्यूमेंट। इसी कमर्शियल स्पेस में नामी गिनामी लोगों ने अपना ब्लैक मनी भूटानी में खपाया।
इनकम टैक्स को मिला पहला इनपुट
बताया जाता है कि डेढ़ साल पहले फरवरी 2022 में इनकम टैक्स विभाग को पहला इनपुट मिला था। इसके बाद उन्होंने दस्तावेजों को खंगालना शुरू किया। इस बीच, खुलासा हुआ कि भूटानी ग्रुप दो भागों में बंट गया है। पहली भूटानी इंफ्रा और दूसरा ग्रुप 108। इनका पैसा भी इस कमर्शियल स्पेस में लगा है। इसी तरह एडवंट बिल्डर भी पहले भूटानी के साथ कोलेब्रेशन में काम करता था। बताया जाता है कि उसका पैसा भी इसमें लगा है। ऐसे में इन चारों बिल्डरों पर एक साथ रेड की गई है।