मोगादिशु। संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी (ओसीएचए) ने सोमालिया में मानवीय सहायता कर्मियों पर बढ़ते हमलों पर चिंता व्यक्त की है। ओसीएचए ने बताया कि 2024 की चौथी तिमाही में इन हमलों की संख्या बढ़ गई। अक्टूबर और दिसंबर 2024 के बीच 62 ऐसी घटनाएं हुईं। यह 2024 की तीसरी तिमाही की तुलना में 8.8 प्रतिशत अधिक है। इन हमलों में सहायता कर्मियों, उनके संसाधनों और सुविधाओं को निशाना बनाया गया। ओसीएचए ने मोगादिशु में अपनी रिपोर्ट में बताया कि मानवीय सहायता के लिए भेजे गए कर्मियों पर हमले बढ़ रहे हैं और तीसरी तिमाही में जहां 15 हमले हुए थे, वहीं चौथी तिमाही में ये बढ़कर 17 हो गए।
इससे यह साफ होता है कि सहायता कर्मियों और संसाधनों के लिए खतरा लगातार बढ़ रहा है। जबकि घटनाओं की संख्या में स्थिरता रही है, लेकिन चौथी तिमाही में जो घटनाएं हुईं, उनका प्रकार अलग था। ओसीएचए के अनुसार सैन्य अभियानों और संघर्षों के कारण जो समस्याएं आ रही थीं, उनकी संख्या भी बढ़ी है। चौथी तिमाही में ऐसे समस्याओं की संख्या 8 हो गई, जबकि तीसरी तिमाही में यह 6 थी। इसका मतलब है कि संघर्षों और सैन्य कार्रवाइयों के कारण मानवीय कार्यों में रुकावटों की संख्या बढ़ी है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में सुधार भी देखने को मिला है। जैसे बाहरी हस्तक्षेप के कारण होने वाली घटनाओं की संख्या घटकर 14 हो गई, जो तीसरी तिमाही में 22 थी। ओसीएचए ने इसे बेहतर समन्वय और ऑपरेशनल गतिशीलता का परिणाम बताया है। 19 अगस्त 2024 को, संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख राहत अधिकारी ने सभी पक्षों से अपील की थी कि वे संघर्ष क्षेत्रों में नागरिकों और मानवीय कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
ओसीएचए के मुताबिक, 2024 से अब तक 124 घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 12 सहायता कर्मी घायल हुए और 13 हमलों में शारीरिक हमला, उत्पीड़न और धमकी शामिल थे। इससे पहले 2023 में, सोमालिया में चार सहायता कर्मियों की हत्या भी हुई थी, इनमें से कुछ हमले सहायता वितरण के दौरान हुए थे। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि सोमालिया दुनिया के सबसे गंभीर मानवीय संकटों का सामना कर रहा है, जिसमें लाखों लोग जलवायु परिवर्तन, संघर्ष, बीमारियों और आर्थिक संकटों के कारण भारी पीड़ा झेल रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उप विशेष प्रतिनिधि जॉर्ज कॉनवे ने यह भी कहा कि 2024 के विश्व मानवतावादी दिवस (डब्ल्यूएचडी) के अवसर पर उन्होंने सभी देशों से अपील की कि वे संघर्ष क्षेत्रों में नागरिकों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए बेहतर कदम उठाएं। उन्होंने सोमालिया के सहायता कर्मियों की मेहनत और प्रतिबद्धता को सराहा, जिन्होंने तमाम चुनौतियों के बावजूद अपनी जान की बाजी लगाकर लोगों की मदद की।