Tuesday, May 7, 2024

भारत, फ्रांस ने जारी किया, महत्वाकांक्षी रक्षा औद्योगिक रोडमैप

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नयी दिल्ली। भारत और फ्रांस ने अपनी रणनीतिक साझीदारी को नयी ऊंचाई देते हुए रक्षा औद्योगिक रोडमैप जारी किया है जिसमें अंतरिक्ष, समुद्र में सतह एवं पानी के नीचे, जमीनी मोर्चे में काम आने वाले अत्याधुनिक हथियारों, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), रोबोटिक्स, साइबर प्रतिरक्षा क्षेत्र में संयुक्त रूप से डिजाइन, विकास और उत्पादन के साथ रक्षा आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण की रूपरेखा तय की गई है।

विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में भारत की राजकीय यात्रा पर आए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा,“ फ्रांसीसी राष्ट्रपति की यह संक्षिप्त यात्रा परिणामों की दृष्टि से बहुत वजनदार और ठोस रही है। दोनों नेताओं के बीच चर्चा के विषयों में हमारी द्विपक्षीय साझीदारी में प्राथमिकताओं पर फोकस होने के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर परस्पर हितों से जुड़े और महत्वपूर्ण मुद्दे भी शामिल हैं।”

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क्वात्रा ने परिणामों की चर्चा करते हुए कहा कि दोनों नेताओं के बीच जयपुर में रात्रिभोज के दौरान बैठक में जिन मुद्दों पर पर सहमति बनी है उनमें पहला भारत-फ्रांस रक्षा औद्योगिक रोडमैप, दूसरा- रक्षा अंतरिक्ष साझेदारी पर एक समझौता, तीसरा- न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) और एरियनस्पेस के बीच उपग्रह प्रक्षेपण के संबंध में एक समझौता ज्ञापन, महत्वपूर्ण स्वदेशी और स्थानीयकरण घटक के साथ एच-125 हेलीकॉप्टरों के उत्पादन के लिए टाटा और एयरबस हेलीकॉप्टरों के बीच एक औद्योगिक साझेदारी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के बीच समझौते के साथ ही स्वास्थ्य देखभाल सहयोग पर दोनों देशों के स्वास्थ्य मंत्रालयों के बीच एक समझौता, शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान, इसमें डिजिटल स्वास्थ्य का क्षेत्र और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग शामिल है। उन्होंने कहा कि इस बात पर सहमति हुई है कि वर्ष 2026 को भारत-फ्रांस नवाचार वर्ष के रूप में मनाया जाएगा।

भारत-फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग पर विदेश सचिव ने कहा, ‘दोनों देश रक्षा औद्योगिक रोडमैप अपनाने पर सहमत हुए हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि इस रोडमैप के जरिए रक्षा सहयोग की प्राथमिकता पर ध्यान केंद्रित किया गया है। रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में साझीदारी के अवसर, जो सह-डिज़ाइनिंग, सह-विकास, सह-उत्पादन को प्राथमिकता देते हैं और दोनों देशों के बीच रक्षा आपूर्ति श्रृंखलाओं का निर्माण भी करते हैं ताकि वे न केवल भारत और फ्रांस की रक्षा जरूरतों को पूरा कर सकें, बल्कि अन्य देशों के साथ सुरक्षा साझीदारी में भी उपयोगी योगदानकर्ता बनें जो समान उत्पादों का उपयोग कर सकते हैं।”

रक्षा उत्पादन में सहयोग के क्षेत्रों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि रक्षा औद्योगिक रोडमैप में वायुक्षेत्र, अंतरिक्ष, समुद्र में सतह पर और पानी के नीचे, जमीनी मोर्चे की युद्धकला में उपयोगी अत्याधुनिक हथियारों के संयुक्त रूप से डिजाइन, विकास एवं उत्पादन करने के साथ ही उनमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), रोबोटिक्स के उपयोग तथा साइबर प्रतिरक्षा के ढांचे की रूपरेखा तय की गई है।

रक्षा अंतरिक्ष साझीदारी समझौते के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सैटेलाइट प्रक्षेपण, अंतरिक्ष यातायात, अंतरिक्ष में यानों एवं सैटेलाइटों को टक्कर से बचाने, सुदूर संवेदन, पृथ्वी से निगरानी एवं नियंत्रण, अंतरिक्षयानों एवं सैटेलाइटों के औद्योगिक उत्पादन में अंतरराष्ट्रीय सहयोग आदि के बारे में तालमेल की बात है।

बैठक में रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा के बारे में सवालों पर विदेश सचिव ने कहा कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के मुद्दों के अलावा इज़रायल गाजा संघर्ष, लाल सागर में वाणिज्यिक पोतों पर हमले और हिन्द प्रशांत क्षेत्र की गतिविधियों पर भी विचार विमर्श किया। उन्होंने माना कि इज़रायल गाजा संघर्ष के विविध आयाम हैं जैसे आतंकवाद, मानवीय मूल्य, आर्थिक प्रभाव आदि लिहाजा इसका समाधान इसी दृष्टि से खोजने की आवश्यकता है।

बैठक के अन्य निष्कर्षों के बारे में श्री क्वात्रा ने कहा कि फ्रांस के दक्षिणी शहर मार्सिले में भारतीय वाणिज्य दूतावास और हैदराबाद में फ्रांसीसी ब्यूरो अब परिचालन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। स्टार सी कार्यक्रम के तहत सेनेगल में एक सौर अकादमी स्थापित करने की सहमति बनी है। भारत और फ्रांस द्वारा 2015 में स्थापित अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के बाद अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के लिए भारत की उम्मीदवारी के साथ-साथ तीसरे संयुक्त राष्ट्र के लिए भारत की स्थायी सदस्यता के दावे के प्रति फ्रांसीसी समर्थन के संबंध में घोषणाएं कीं गई हैं। वर्ष 2025 में नीस में फ्रांस और कोस्टारिका द्वारा संयुक्त रूप से महासागर सम्मेलन की मेजबानी करने की भी घोषणा की गई।

क्वात्रा ने बताया कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति के साथ 40 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आया है। प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और संस्कृति मंत्री शामिल हैं। विदेश मंत्री ने अपने फ्रांसीसी समकक्ष नव नियुक्त विदेश मंत्री स्टीफन सेजोर्न से मुलाकात की है। उन्होंने यह भी बताया कि यह छठी बार है कि कोई फ्रांसीसी नेता भारत के गणतंत्र दिवस के लिए आया है, जो किसी भी देश के लिए अधिकतम है।

राष्ट्रपति मैक्रों कल दोपहर जयपुर पहुंचे थे और मोदी ने वहां उनका स्वागत किया। जयपुर में मैक्रों ने राजस्थान की समृद्ध और जीवंत सांस्कृतिक संस्कृति का अनुभव किया। जयपुर में ही प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के बीच रात्रिभोज पर बातचीत हुई। आज श्री मैक्रों ने नयी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में भाग लिया और परेड देखी। दोपहर बाद, फ्रांसीसी राष्ट्रपति, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में शामिल हुए। श्रीमती मुर्मु बाद में शाम को मैक्रों के सम्मान में एक राजकीय भोज का आयोजन भी करेंगी। मेहमान नेता देर रात स्वदेश लौट जाएंगे।

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