नई दिल्ली। भारत और मंगोलिया के रक्षा मंत्रालयों के बीच संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की 12वीं बैठक उलानबटोर में आयोजित हुई। बैठक की सह-अध्यक्षता भारतीय रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव अमिताभ प्रसाद और मंगोलिया के रक्षा मंत्रालय के स्टेट सेक्रेटरी ब्रिगेडियर जनरल गनखुयाग दावागदोर्ज ने की। बैठक शुक्रवार को भी जारी रहेगी। मंगोलिया में भारत के राजदूत अतुल मल्हारी गोत्सुर्वे भी इस बैठक में शामिल हुए।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, संयुक्त कार्य समूह की बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने भारत और मंगोलिया के बीच चल रहे रक्षा सहयोग पर संतोष व्यक्त किया।
उन्होंने विभिन्न द्विपक्षीय रक्षा सहयोग गतिविधियों की प्रगति की समीक्षा की। दोनों देशों ने इस दिशा में कदम आगे बढ़ाते हुए इन क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाने के मुद्दों पर भी बातचीत की।
दोनों पक्षों ने मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति पर भी अपने विचारों का आदान-प्रदान किया।
भारतीय संयुक्त सचिव ने भारत के रक्षा उद्योग की क्षमताओं एवं सामर्थ्य पर प्रकाश डाला और मंगोलिया के सशस्त्र बलों के साथ एक उपयोगी साझेदारी की आशा व्यक्त की।
मंगोलियाई पक्ष ने भारतीय रक्षा उद्योग की क्षमताओं व योग्यताओं पर अपना भरोसा व्यक्त किया। दोनों पक्षों ने भारत और मंगोलिया के बीच बढ़ते संबंधों को भी महत्व दिया।
भारतीय रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव तथा भारतीय राजदूत ने मंगोलिया के उप रक्षा मंत्री बी बयारमगनई से भी भेंट की और द्विपक्षीय सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने उलानबटोर में एक प्रशिक्षण प्रतिष्ठान का दौरा किया और वहां पर चल रही गतिविधियों की समीक्षा की।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि भारत के मंगोलिया के साथ सदियों पुराने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं सभ्यतागत संबंध हैं। दोनों देश एक-दूसरे को ‘आध्यात्मिक पड़ोसी’ मानते हैं। आधुनिक समय में लोकतंत्र, स्वतंत्रता और बाजार अर्थव्यवस्था जैसे मूल्य दोनों देशों को करीब लाते हैं।