Thursday, November 21, 2024

भारत-पाकिस्तान ने करतारपुर साहिब समझौते को 5 साल के लिए बढ़ाया,2019 में भारत के साथ हुआ था समझौता

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर समझौते की समय सीमा को पांच साल और बढ़ा दिया है, जिससे भारतीय श्रद्धालु बिना किसी बाधा के पाकिस्तान के नरोवाल स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर के दर्शन कर सकेंगे। यह फैसला दोनों देशों के बीच कूटनीतिक बातचीत के बाद लिया गया है, जो दोनों के बीच रिश्तों को धार्मिक और सांस्कृतिक स्तर पर बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

यह समझौता पहली बार 24 अक्टूबर 2019 को हुआ था और इसकी वैधता पांच साल की थी, जो अब बढ़ाकर 2029 तक कर दी गई है। इस समझौते के तहत, भारत के श्रद्धालुओं को वीजा के बिना पाकिस्तान स्थित पवित्र स्थल के दर्शन की अनुमति दी जाती है, जो सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी से जुड़ा हुआ है।

भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान से अपील की है कि वह प्रत्येक तीर्थयात्री से ली जाने वाली 20 अमेरिकी डॉलर की सेवा शुल्क को समाप्त करे। भारत ने इससे पहले भी कई बार यह अनुरोध किया है, ताकि तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा और भी सुलभ हो सके। इस सेवा शुल्क को हटाने से सिख समुदाय के श्रद्धालुओं के लिए यात्रा की आर्थिक बाधाएं कम हो सकती हैं, जिससे वे और अधिक संख्या में इस पवित्र स्थल का दर्शन कर सकेंगे।

 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर लिखा, ‘भारत और पाकिस्तान ने श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर समझौते को अगले 5 साल के लिए फिर से बहाल किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार हमारे सिख समुदाय को उनके पवित्र स्थलों की यात्रा की सुविधा हमेशा प्रदान करती रहेगी।’

करतारपुर साहिब कॉरिडोर सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी से गहराई से जुड़ा हुआ है। गुरु नानक देव जी का जन्म ननकाना साहिब (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ था, और उन्होंने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष करतारपुर में बिताए। उनका निधन 22 सितंबर 1539 को हुआ था। करतारपुर गुरुद्वारा, जो रावी नदी के किनारे स्थित है, वह स्थान है जहाँ गुरु नानक देव जी ने अपने अनुयायियों को उपदेश दिया और अपने जीवन के अंतिम दिन बिताए।

 

करतारपुर साहिब कॉरिडोर, भारत के पंजाब राज्य में स्थित डेरा बाबा नानक को पाकिस्तान के नरोवाल जिले में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर से जोड़ता है। यह कॉरिडोर सिख समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह उनके लिए गुरु नानक देव जी से जुड़ी एक पवित्र यात्रा को सरल और सीधा बनाता है। श्रद्धालु बिना वीजा के इस कॉरिडोर के जरिए 4 किलोमीटर की दूरी तय करके गुरुद्वारे के दर्शन कर सकते हैं, जो सिख समुदाय के लिए एक बड़ी सुविधा है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय