जिनेवा। भारत ने 10 से 20 मार्च तक आयोजित अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की बैठक में दुनिया भर में श्रम कल्याण, गुणवत्तापूर्ण रोजगार और सामाजिक न्याय को आगे बढ़ाने के पक्ष में अपनी बात रखी। भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुख मुद्दों पर श्रम कल्याण, सामाजिक न्याय और गुणवत्तापूर्ण रोजगार सृजन को बढ़ावा देने और साझा एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए भारत की उपलब्धियों, सीखों और दृष्टिकोणों को प्रदर्शित किया।
सामाजिक सुरक्षा, जिम्मेदार व्यावसायिक आचरण, जीवन-यापन योग्य वेतन, एआई और काम का भविष्य, और निष्पक्ष वैश्विक प्रवास भारत-आईएलओ सहयोग के प्रमुख क्षेत्र बनकर उभरे। आईएलओ की 353वीं गवर्निंग बॉडी मीटिंग में सरकारों, श्रमिकों और नियोक्ताओं के प्रतिनिधि वर्ल्ड ऑफ वर्क और आईएलओ के शासन से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा करने के लिए एक साथ आए। भारत ने इस वर्ष के अंत में कतर के दोहा में संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में सामाजिक विकास के लिए द्वितीय विश्व शिखर सम्मेलन के आयोजन पर आईएलओ को अपना समर्थन दिया। बैठक में सामाजिक न्याय और विकास को बढ़ावा देने में भारत की प्रेरक प्रगति पर प्रकाश डाला गया।
भारत ने अपने सामाजिक सुरक्षा कवरेज को दोगुना कर 48.8 प्रतिशत कर दिया है, जिससे औसत वैश्विक सामाजिक सुरक्षा कवरेज में 5 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। इस संदर्भ में भारत के प्रमुख संस्थानों और योजनाओं जैसे ईपीएफओ (7.37 करोड़ योगदानकर्ता सदस्य), ईएसआईसी (14.4 करोड़ लाभार्थी), ई-श्रम पोर्टल (30.6 करोड़ रजिस्टर्ड असंगठित सदस्य), पीएम जन आरोग्य योजना (60 करोड़ लाभार्थी) और लक्षित पीडीएस (81.35 करोड़ लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा) के योगदान को स्वीकार किया गया। प्रवासी श्रमिकों के सबसे बड़े मूल देशों में से एक और सबसे अधिक धन प्रेषण प्राप्त करने वाले देश के रूप में भारत ने अच्छी तरह से प्रबंधित, कौशल-आधारित प्रवास मार्गों को बढ़ावा देने में वैश्विक सहयोग के लिए अपने समर्थन को दोहराया। आईएलओ से द्विपक्षीय श्रम प्रवास और सामाजिक सुरक्षा समझौतों के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा और अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए वैश्विक गति पैदा करने की दिशा में प्रयासों को बढ़ाने का आग्रह किया गया।
भारत ने केमिकल्स और कचरे से होने वाले नुकसान से पृथ्वी को मुक्त रखने, श्रमिकों, समुदायों और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में लीडिंग रोल निभाने के अपने कमिटमेंट की भी पुष्टि की। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आईएलओ के महानिदेशक और वरिष्ठ विशेषज्ञों और भारत के लिए गहरी रुचि वाले श्रम और रोजगार मामलों पर अन्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ द्विपक्षीय चर्चाएं भी कीं। सुमिता डावरा ने आईएलओ के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ. होंगबो से मुलाकात की और उन्हें उनकी प्रमुख पहल ग्लोबल कोलिशन फॉर सोशल जस्टिस के लिए बधाई दी, जो सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक सहयोग के लिए एक मजबूत मंच के रूप में उभरा है।
डीजी-आईएलओ ने गठबंधन के प्रमुख हस्तक्षेप ‘स्थायी और समावेशी समाजों के लिए जिम्मेदार व्यवसाय’ को आगे बढ़ाकर और पिछले महीने नई दिल्ली में पहली बार ‘सामाजिक न्याय पर क्षेत्रीय संवाद’ का सफलतापूर्वक आयोजन कर वैश्विक गठबंधन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए भारत की सराहना की। होंगबो ने भारत को सामाजिक न्याय पर आगामी वार्षिक फोरम में सक्रिय रूप से भाग लेने और जिम्मेदार व्यावसायिक आचरण, जीविका मजदूरी के भुगतान और सामाजिक रूप से न्यायपूर्ण भविष्य के लिए एआई का उपयोग करने के मामले में भारतीय उद्योग की सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रदर्शित करने के लिए आमंत्रित किया।