प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले साल की शुरुआत में होने वाले महाकुंभ को लेकर रेलवे ने कमर कस ली है। उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के डीआरएम सचिंद्र मोहन शर्मा ने प्रयागराज स्टेशन पर महाकुंभ को लेकर की जा रही तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि महाकुंभ के दौरान किसी अप्रिय स्थिति से निपटने और लोगों की सहूलियत के लिए स्टेशन के पास ही 10 बेड का एक अस्पताल का निर्माण किया गया है।
प्राथमिक चिकित्सा सहायता सबसे महत्वपूर्ण है, खासकर अगर किसी को चोट लगती है। इस बार हमने यहां एक छोटा सा स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किया है, जिसमें करीब 10 बेड हैं। हमारे डॉक्टर 24×7 उपलब्ध रहेंगे ताकि जो भी बुनियादी चोट, जैसे कि फायर इंजरी, बर्न इंजरी या हड्डी से जुड़ी चोट हों, उसका हम तुरंत इलाज कर सकें। इसके अलावा, हमारे पास अन्य राज्य के अस्पतालों से टाईअप भी हैं। अगर यहां से इलाज संभव नहीं हो पाता है, तो एम्बुलेंस खड़ी रहेंगी और हम मरीजों को अस्पताल भेजने का इंतजाम करेंगे।
उन्होंने बताया कि यहां करीब 6,000 वर्ग मीटर का कवर क्षेत्र है और 4,000 वर्ग मीटर में टेम्परेरी शेल्टर बनाए गए हैं, जिनमें लगभग 30,000 लोगों को आसानी से ठहराया जा सकता है। हमने इसे दिशावार तरीके से तैयार किया है। हमारी उम्मीद है कि 50 से 60 प्रतिशत भीड़ अयोध्या की होगी और हम इसके लिए लखनऊ, जौनपुर, बनारस और अयोध्या की दिशा में इंतजाम करेंगे। इसके अलावा, एक सामान्य शेल्टर भी होगा, जहां यात्री अन्य दिशा से आ सकते हैं। रिजर्व यात्री के लिए अलग से इंतजाम किया गया है, ताकि उन्हें किसी भी असुविधा का सामना नहीं करना पड़े।
उन्होंने आगे कहा, “हमने जो सुविधाएं बनाई हैं, उनमें एक प्रमुख बात यह है कि यह बहुत जल्दी तैयार की गई है। हमारे पास लगभग 12 मीटर की लंबाई का एक प्लेटफॉर्म है, जो बहुत कम स्टेशन पर होता है और इसे हमने सिर्फ तीन महीने में तैयार कर लिया है। यह भारतीय रेलवे का रिकॉर्ड है। इसी तरह के दो प्लेटफॉर्म फाफामाऊ और यहां तैयार किए गए हैं। ट्रैफिक फ्लो का भी एक खास प्लान है ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। यात्री एक दिशा से दूसरी दिशा में नहीं जाएंगे, जिससे ट्रैफिक में कोई अव्यवस्था नहीं होगी। इसके अलावा, चार नंबर प्लेटफॉर्म पर एक नई ट्रेन आएगी और हम राज्य द्वारा भेजे गए यात्रियों को डिस्चार्ज कर देंगे। इससे यात्रियों को फुट ओवरब्रिज का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यात्री सीधे 30-40 मीटर की दूरी पर सड़क के रास्ते घाट तक पहुंच सकते हैं
“उन्होंने कहा, “हमने इस क्षेत्र में व्यस्त लेवल क्रॉसिंग को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। अब, प्रयागराज से फाफामऊ तक कहीं भी कोई लेवल क्रॉसिंग नहीं होगी, जिससे खासकर कोहरे के मौसम में ट्रेन चलाने में आसानी होगी।”