जयपुर। भारत की पहली ‘बिहेवियरल लैब’ हरीश चंद्र माथुर राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (एचसीएम-आरआईपीए) में यहां स्थापित की जाएगी, जिसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 1.22 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूर किया है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
एचसीएम-आरआईपीए में पटेल भवन में आने के लिए देश में पहली व्यावहारिक प्रयोगशाला अत्याधुनिक तकनीक के साथ बनाई जाएगी, और आईआईएम-उदयपुर इसका प्रबंधन और संचालन करेगा।
आईआईएम के फैकल्टी एप्लाइड मेथड्स पर ट्रेनिंग देंगे और यहां पीएचडी लेवल के सर्टिफिकेट कोर्स कराए जाएंगे। प्रयोग और कार्यशालाओं के संचालन में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ शामिल होंगे और अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर सहित नवीन प्रौद्योगिकी की मदद से मानव व्यवहार का अध्ययन किया जाएगा।
इस प्रयोगशाला के माध्यम से विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में प्रायोगिक अध्ययन के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे, साथ ही शिक्षकों को प्रशिक्षण एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण के कार्यक्रम भी आयोजित किये जाएंगे।