Thursday, January 23, 2025

वित्त वर्ष 2024-25 में 6.5 से 7 फीसदी होगी भारत की जीडीपी ग्रोथ: वित्त मंत्रालय

नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि देश चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 6.5 से 7.0 फीसदी सकल घरेल उत्‍पाद (जीडीपी) वृद्धि दर हासिल करने के रास्ते पर बढ़ रहा है। मंत्रालय की मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार अगस्त, 2024 तक के वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी), पीएमआई, बिजली खपत जैसे महत्वपूर्ण आंकड़ों से यह संकेत मिलता है। वहीं, केंद्र सरकार आर्थिक वृद्धि को तेज करने के लिए दूसरी छमाही में दिनांकित प्रतिभूतियों की नीलामी से 6.61 लाख करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है।

वित्‍त मंत्रालय ने अगस्त की जारी मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में बताया है कि हाल के घटनाक्रमों के विश्लेषण से पता चलता है कि देश में वृहद आर्थिक स्थिरता की बुनियाद मजबूत है। इस रिपोर्ट के मुताबिक स्थिर वृद्धि, निवेश, रोजगार और मुद्रास्फीति के रुख, मजबूत और स्थिर वित्तीय क्षेत्र तथा संतोषजनक विदेशी मुद्रा भंडार समेत मजबूत बाह्य खाते के साथ भारत की बुनियाद मजबूत है।

मंत्रालय के अगस्त की मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि वृहद आर्थिक मोर्चे पर एक चुनौती वैश्विक आर्थिक संभावनाओं में जारी अनिश्चितता से निपटने की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक विकसित अर्थव्यवस्थाओं में नरमी की आशंकाओं और वैश्विक स्तर पर जारी चुनौतियों के बीच हमें दुनिया के विभिन्न देशों में नीतिगत दर में कटौती के एक चक्र का सामना करना पड़ सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 6.7 फीसदी की जीडीपी वृद्धि और अगस्त तक महत्वपूर्ण आंकड़ों से मिले संकेत यह अनुमान जता रहे हैं कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 से 7.0 फीसदी रहेगी।

वहीं, वित्त मंत्रालय ने जारी बयान में कहा है कि केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपना उधारी लक्ष्य बरकरार रखते हुए आर्थिक वृद्धि को तेज करने के लिए दूसरी छमाही (अप्रैल-सितंबर) में दिनांकित प्रतिभूतियों की नीलामी से 6.61 लाख करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। मंत्रालय ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट में निर्धारित 14.01 लाख करोड़ रुपये के सकल बाजार कर्ज में से 6.61 लाख करोड़ रुपये (47.2 फीसदी) दूसरी छमाही में प्रतिभूतियां जारी कर जुटाने की योजना है। इसमें 20 हजार करोड़ रुपये के सरकारी हरित बॉन्ड (एसजीआरबी) भी शामिल हैं।

मंत्रालय के मुताबिक 21 साप्ताहिक नीलामियों के जरिये 6.61 लाख करोड़ रुपये की सकल बाजार उधारी जुटाई जाएगी। वहीं, बाजार उधारी तीन, पांच, सात, 10, 15, 30, 40 एवं 50 साल की प्रतिभूतियों में फैली होगी। इनमें तीन साल की परिपक्वता अवधि वाले कर्ज की हिस्सेदारी सबसे कम 5.3 प्रतिशत होगी जबकि 10 वर्ष की अवधि वाली प्रतिभूतियों का हिस्सा सर्वाधिक 24.8 फीसदी होगा। मंत्रालय ने कहा कि नीलामी अधिसूचनाओं में दर्शाई गई प्रत्येक प्रतिभूति के विरुद्ध 2,000 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त सदस्यता बनाए रखने के लिए ग्रीनशू विकल्प का प्रयोग करने का अधिकार सुरक्षित रहेगा। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में ट्रेजरी बिल जारी कर 19 हजार करोड़ रुपये की उधारी जुटाए जाने की उम्मीद है।

उल्‍लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अनुमानित 14.01 लाख करोड़ रुपये की सकल बाजार उधारी में से 7.4 लाख करोड़ रुपये यानी 52.8 फीसदी पहली छमाही में जुटाए जा चुके हैं। वहीं, बीते वित्त वर्ष 2023-24 में सकल उधारी अनुमान 15.43 लाख करोड़ रुपये था, जो अब तक का सबसे अधिक था।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,735FansLike
5,484FollowersFollow
140,071SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय

error: Content is protected !!