नई दिल्ली। बिजली उत्पादन में तेज बढ़ोतरी के दम पर देश के औद्योगिक उत्पादन में मार्च 2025 में तीन प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। यह जानकारी सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों में दी गई है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में बिजली उत्पादन में 6.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जबकि खनन क्षेत्र के उत्पादन में मामूली 0.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 77 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी रखने वाले मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तीन प्रतिशत की वृद्धि रही। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के 23 में से 13 औद्योगिक समूहों में मार्च में वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि अन्य में गिरावट रही। इस सेक्टर की वृद्धि में सबसे अधिक योगदान देने वाले तीन सेगमेंट बेसिक मेटल की मैन्युफैक्चरिंग (6.9 प्रतिशत), मोटर वाहनों, ट्रेलर्स और सेमी-ट्रेलर्स की मैन्युफैक्चरिंग (10.3 प्रतिशत) और इलेक्ट्रिक उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग (15.7 प्रतिशत) रहे। इसके अलावा फैक्ट्रियों में उपयोग होने वाले कैपिटल गुड्स के उत्पादन में मार्च में 2.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस सेगमेंट में वृद्धि दिखाती है कि अर्थव्यवस्था में निवेश बढ़ रहा है।
इसका रोजगार और आय पर प्रत्यक्ष तौर पर असर होता है। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स, रेफ्रिजरेटर्स और टीवी के उत्पादन में 6.6 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। यह दिखाता है कि लोगों की आय में इजाफा हो रहा है और कंज्यूमर प्रोडक्ट्स की मांग में तेजी बनी हुई है। राजमार्गों, रेलवे और बंदरगाहों के क्षेत्रों में लागू की जा रही बड़ी सरकारी परियोजनाओं के कारण इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर ने 8.8 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में वृद्धि होना अर्थव्यवस्था के लिए काफी अच्छा माना जाता है, क्योंकि यह देश के विश्वविद्यालयों और इंजीनियरिंग संस्थानों से निकलने वाले युवा स्नातकों को गुणवत्तापूर्ण नौकरियां प्रदान करता है। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उपयोग आधारित वर्गीकरण के आधार पर मार्च महीने में आईआईपी की वृद्धि में शीर्ष तीन सकारात्मक योगदानकर्ता इन्फ्रास्ट्रक्चर, प्राथमिक वस्तुएं और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स थे।