Saturday, May 18, 2024

पत्रकार जफर के घर के पास मिली बिना नंबर की इनोवा टांग ले गई पुलिस, अतीक गैंग से कनेक्शन होने का संदेह !

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बांदा। बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल और दो सरकारी गनरों की हत्या के मामले में हत्याभियुक्तों को शरण देने के सिलसिले में पुलिस ने बांदा में रहने वाले पत्रकार जफर अहमद के प्रयागराज स्थित मकान पर बुलडोजर चला कर ध्वस्त करा दिया था। इस मामले में जफर ने अतीक परिवार से कोई नाता न होने की बात कह कर खुद को निर्दोष बताया था।

इधर पुलिस पत्रकार और अतीक अहमद के बीच कनेक्शन ढूंढ रही थी। शनिवार को जफर के घर के समीप ही एक बिना नंबर की इनोवा कार और जफर की डिजायर कार पुलिस टांग ले गई। इनोवा कार अतीक गैंग की बताई जा रही है।

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शनिवार को पुलिस को जानकारी मिली कि पत्रकार जफर अहमद के घर के समीप ही एक इनोवा कार कई दिनों से खड़ी है। जिसमें प्रयागराज का नंबर था। साथ ही उसी गाड़ी के पास जफर अहमद की डिजायर कार भी खड़ी है। सूचना के आधार पर पुलिस की क्रेन मौके पर पहुंची। जब ढकी हुई इनोवा कार को देखा गया तो उसकी नंबर प्लेट गायब थी। इस पर पुलिस जफर की डिजायर कार और बिना नंबर की इनोवा कार को क्रेन के माध्यम से टांग ले गई।

बताया जा रहा है कि बिना नंबर की गाड़ी अतीक गैंग से जुड़े किसी सदस्य की है। दोनों गाड़ियों को ले जाने के बाद पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है।

बताते चलें कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद पुलिस ने न्यूज़ एजेंसी ANI के पत्रकार जफर अहमद के प्रयागराज स्थित आवास पर बुलडोजर चलवा दिया था। इसके बाद से गायब जफर अहमद ने सोशल मीडिया के माध्यम से वीडियो जारी कर सफाई देते हुए कहा था कि अतीक की पत्नी शाइस्ता को मेरे बहनोई ने किराए पर मकान दिया था। मेरा अतीक के परिवार से कोई वास्ता नहीं है। इसके बाद भी पुलिस ने बांदा स्थित उनकी दोनों बहनों के घर में छापा मारकर जफर अहमद को खोजने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मिला। इसके साथ उसके मकानों से संबंधित रिकॉर्ड नगर पालिका व बांदा विकास प्राधिकरण में खंगाले जा रहे हैं।

इधर बिना नंबर की इनोवा कार उसी के घर के पास से बरामद होने पर पुलिस जांच में जुट गई है। आसपास के लोगों ने दबी जुबान से बताया कि यह गाड़ी अतीक गैंग की है। वही अभी पुलिस ने इस मामले में जांच की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया है।

इसी बीच पुलिस सूत्रों के मुताबिक ज़फर अतीक के वकील सौलत हनीफ का साला है।  अतीक अहमद के वकील सौलत हनीफ के ही कहने पर जफर ने मार्च 2001 में चकिया स्थित मकान को खरीदा था, बावजूद इसके वह बांदा में अपनी बहन के घर पर रहकर न्यूज एजेंसी के लिए रिपोर्टिंग करता था। पुलिस का मानना है कि ये अतीक की ही बेनामी सम्पत्ति है।

बांदा एसपी अभिनंदन के मुताबिक प्रयागराज में जिस मकान को पीडीए ने गिराया है, वह मकान पत्रकार जफर अहमद खान पुत्र मोहम्मद हबीब खान निवासी गूलर नाका बांदा के नाम अभिलेखों में दर्ज है. यह जानकारी मिलने पर तथ्यों की प्रमाणिकता हासिल करने के लिए जांच की जा रही है. पत्रकार का मोबाइल भी बंद आ रहा है।

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