मेरठ। यूपी नगर निकाय चुनाव में प्रतिबंधित संगठन पीएफआई की सक्रियता के इनपुट यूपी एटीएस को मिले हैं। पीएफआई संदिग्धों की तलाश में यूपी एटीएस ने पूरी रात छापेमारी कार्रवाई की। जिसके बाद वेस्ट यूपी सहित पूरे यूपी में 30 से अधिक पीएफआई के संदिग्ध एजेंट हिरासत में लिए गए है।
इनमें से करीब 20 लोगों को पश्चिम यूपी के जिलों, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, बिजनौर, शामली और रामपुर से हिरासत में लिया गया है। यूपी एटीएस के एक अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक यूपी नगर निकाय चुनाव के पहले चरण में कुछ इनपुट मिले थे। जिसमें सूत्रों से पता चला था कि यूपी नगर निकाय चुनाव में प्रतिबंधित पीएफआई के सदस्य सक्रियता से भूमिका निभा रहे हैं।
एटीएस को यह भी इनपुट मिले कि दूसरे चरण के मतदान के दौरान पीएफआई सदस्य कुछ नया करने की फिराक में हैं। इसके बाद सक्रिय हुई यूपी एटीएस ने पूरी रात यूपी के चिहिंत जिलों में छापेमारी की। जिसके आधार पर यूपी के जिलों से पीएफआई के 30 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया।
मेरठ से जिस सपा नेता को एटीएस ने पीएफआई के संदिग्ध होने के आरोप में उठाया वह बुलंदशहर से आया था। सपा नेता बुलंदशहर में महानगर अध्यक्ष था। इसके साथ ही वह भाकियू नेता भी बताया जाता है। बताया जाता है कि अब्दुल खालिक अंसारी बुलंदशहर में सपा का पूर्व महानगर अध्यक्ष है।
पीएफआई के पकड़े गए संदिग्धों से पूछताछ में एटीएस को काफी अहम जानकारी मिली है। ये भी बताया जाता है कि इन संदिग्धों ने यह स्वीकार किया कि वो यूपी नगर निकाय चुनाव में सरकार के खिलाफ अभियान चला रहे थे। मुस्लिम बस्तियों में अभियान चलाकर एक विशेष पार्टी के खिलाफ वोट देने की मुहिम छेड़े हुए थे।