रायबरेली। चर्चित अधिवक्ता हत्याकांड में साढ़े आठ साल बाद बर्खास्त दरोगा शैलेन्द्र सिंह को शनिवार को जमानत पर रिहा कर दिया गया। जमानत पर रिहा होने के बाद शैलेंद्र ने कहा कि उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा था और उन्हें उम्मीद थी कि जमानत मिलेगी और उनके साथ न्याय होगा।
उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय से अधिवक्ता हत्याकांड में दरोगा को गुरुवार को अंतरिम जमानत मिली थी। आज उन्हें औपचारिकता के बाद रिहा किया गया।
जेल के बाहर मीडिया से बात करते हुए शैलेंद्र सिंह ने कहा कि कि आठ सालों में मैंने काफी कुछ खो दिया। अब घर जा रहा हूं देखता हूं क्या बचा है और क्या संभालना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मिलने की तमन्ना है।
शैलेंद्र सिंह ने 2015 में हुए नबी अहमद हत्याकांड में खुद को निर्दोष माना है। उनका कहना है कि हमला मुझ पर हुआ है उसके बाद भी मुझे जेल भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि मुझे फिर भी न्यायालय पर भरोसा था कि मेरे साथ न्याय होगा।
गौरतलब है कि इलाहाबाद कचहरी में सीजेएम कोर्ट के सामने 2015 में 11 मार्च को अधिवक्ता नबी अहमद के ऊपर दारोगा शैलेंद्र सिंह ने फायर झोंक दिया था। गोली लगने के कारण वकील की मौत हो गई थी। नबी अहमद के पिता शाहिद सिद्दीकी ने दारोगा शैलेंद्र सिंह और राशिद सिद्दीकी पर कर्नलगंज थाने में हत्या का केस दर्ज कराया था। इस वारदात के बाद दारोगा शैलेंद्र को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था।