Wednesday, January 22, 2025

सवालों के घेरे में पूर्व यूपीए कांग्रेसनीत सरकार की निष्ठा?

एक कहावत है कि पिछले कर्म सामने जरुर आते हैं। वैसे तो कांग्रेस की पिछली मनमोहन सिंह के प्रधान मंत्रित्व में चली यूपीए सरकार पर अनेक घोटालों के आरोप हैं मगर बैंक घोटालों में जो मोदी के कार्यकाल से पहले से चले आ रहे थे, उनमें मोदी को संलिप्त मान कर विधवाविलाप करने वाली कांग्रेस के कार्यकाल का एक ऐसा प्रकरण सामने आया है जिसमें बैंक धोखाधड़ी के एक अपराधी को जो न केवल गिरफ्तार हुआ था अपितु छूट कर फरार होने का अपराधी भी था, को न केवल अपराध मुक्त किया गया बल्कि देश के तीसरे बड़े सम्मान से भी नवाजा गया। एक होटल व्यवसायी अनिवासी भारतीय जालसाज जो भारतीय स्टेट बैंक के साथ फर्जीवाड़ा करके उसके 90 लाख डॉलर हड़प चुका था। अपनी इस करतूत के लिए वह बाकायदा गिरफ्तार भी हुआ था और जमानत पर छूटा था मगर बाद में कांग्रेसी शासन में सीबीआई ने अज्ञात कारणों से उसके खिलाफ केस ही बंद कर दिया जिसके चलते स्टेट बैंक के 90 लाख डॉलर वह प्रथम श्रेणी अनिवासी जालसाज हमेशा के लिए हजम कर गया था।

ज्ञातव्य है कि सीबीआई की जांच बंद होने के कुछ ही महीनों बाद तत्कालीन कांग्रेसी सरकार ने उस जालसाज को पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित भी कर दिया था हालांकि उस समय भी उस जालसाज के खिलाफ अमेरिका में (जहां का वो निवासी है) धोखाधड़ी और जालसाज़ी के पांच मुकदमे चल रहे थे। उस समय तक वो जालसाज खुद को एक दो नहीं बल्कि चार बार दीवालिया भी घोषित कर चुका था। अमेरिका के कई बैंकों को करोड़ों का चूना लगाने में भी सफल हो चुका था। दृष्टव्य है कि उस जालसाज पर अमेरिका में लगे आरोप और उसके खिलाफ चल रहे मुकदमे कागजी या फर्जी नहीं थे। उसपर चल रहे उन मुकदमों में से एक मुकदमे में उसे अप्रैल 2014 में न्यूयॉर्क की एक अदालत ने 5 साल की जेल और 10 लाख डॉलर (लगभग 6.5 करोड़ रू) के जुर्माने की सज़ा भी सुनाई थी। उस जालसाज का नाम था सरदार संत सिंह चटवाल।

अब यह भी जान लीजिए कि किसान आंदोलन के समय हुए ट्रैक्टर रैली के चलते 26 जनवरी को दिल्ली में जिन देशद्रोही खालिस्तानी गुंडों ने देश का झंडा उखाड़ कर फेंक दिया था, इन देशद्रोही खालिस्तानी गुंडों के समर्थन में अमेरिका, इंग्लैंड और इटली में जो प्रायोजित फ़ाइव स्टार समर्थन कार रैलियां और प्रदर्शन हुए और बड़ी लम्बी लम्बी कार रैलियों में जो लाखों डॉलर फूंके गए थे। लोग दबी जबान यह जिक्र करते हैं कि उन डॉलरों में जालसाज संत सिंह चटवाल और उसके गुर्गों की एक बड़ी भारी हिस्सेदारी थी।

मोदी पर आरोप लगाने वाली ‘दूध की धुली कांग्रेस को इस सन्दर्भ में स्पष्ट करना चाहिए कि अमेरिका, इंग्लैंड, इटली में देशद्रोही खालिस्तानी गुंडों की मदद करने वाला संत सिंह चटवाल कोई और है या वही, सजायाफ्ता जालसाज संत सिंह चटवाल है? जिसे कांग्रेसी सरकार की विशेष कृपा के कारण जनवरी 2010 में पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया था?

इस प्रकरण में विवादित संत सिंह चटवाल भारतीय मूल के एक अमेरिकी सिख उद्योगपति हैं। वे ‘हैम्पशायर होटल एण्ड रिसोर्ट नाम की कंपनी के मालिक हैं। नवंबर 2013 में एक सर्वे में उन्हें विश्व के सर्वाधिक प्रभावशाली सिखों की रैंकिंग में उन्नीसवें स्थान पर रखा गया था। 2010 में भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान देने पर एक लम्बा विवाद भी सामने आया था हालाँकि भारत सरकार ने अपने निर्णय को बदलने से इनकार करते हुए उसे सही माना था।

अब बात की जाय पंजाब के लुधियाना निवासी संत सिंह चटवाल के बेटे विक्रम चटवाल की जिनकी पूर्व पत्नी प्रिया सचदेव संजय कपूर से अपनी दूसरी शादी के कारण काफी दिनों तक चर्चा में रही। प्रिया सचदेव दिल्ली में जन्मी और पली-बढ़ी। उनसे विक्रम चटवाल की शादी दुनिया की सबसे महंगी शादियों में गिनी जाती है। विक्रम और प्रिया ने उदयपुर के जल मंदिर पैलेस में 2006 में शादी की थी। इस शादी ने उस वक्त इतिहास रच दिया था। 10 दिन तक समरोह चलते रहे थे। दिल्ली, मुंबई और उदयपुर में 10 दिनों तक चले शादी समारोह में 126 देशों के 600 मेहमानों को आमंत्रित किया गया था। इस शादी में उस समय 20 मिलियन खर्च किए गए थे। शादी में शामिल होने के लिए मेहमान चार्टर्ड जेट से पहुंचे थे। शाहरुख खान और रैपर डिडी जैसी बड़ी-बड़ी सेलिब्रिटी इस शादी में नजर आए थे। इस शाही शादी में तत्कालीन पीएम डॉ. मनमोहन सिंह से लेकर अमेरिका के फॉर्मर प्रेसिडेंट बिल क्लिंटन तक बतौर गेस्ट मौजूद थे। मॉडल पैट्रिकिया वेलासक्वेड, मॉडल नाओमी कैंपबेल, इंडस्ट्रियलिस्ट लक्ष्मी निवास मित्तल, ग्रीस के प्रिंस और धर्मगुरु दीपक चोपड़ा जैसी कई बड़ी हस्तियां भी शामिल हुई थीं। करोड़ों की लागत वाली यह शाही शादी ज्यादा दिन तक नहीं चली। 2011 में प्रिया और विक्रम चटवाल के रिश्तों में दरार के बाद दोनों अलग हो गए थे।

वर्तमान में जब भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से अग्रसर है और कई दिग्गज आतंकवादी खालिस्तानी अपनी करतूतों के शिकार हो चुके हैं तो भारतीय मूल के इस अमेरिकी दिग्गज उद्योगपति संत सिंह चटवाल का देश प्रेम जागने लगा है और उसने कहा है कि ’99 प्रतिशत सिख भारत से प्यार करते हैं और बहुत ही कम तादाद उन लोगों की है जो खालिस्तान का समर्थन करते हैं।’ संत सिंह चटवाल ने पीएम मोदी की भी जमकर तारीफ की है और कहा है कि ‘पीएम मोदी ने सिख समुदाय के लिए बहुत कुछ किया है।’ ऐसे समय जब भारत-कनाडा के बीच जारी विवाद में खालिस्तान का मुद्दा लगातार चर्चा में बना हुआ है, ऐसे नाजुक समय में संत सिंह चटवाल का यह बयान बेहद अहम है।
स्मरणीय है कि 28 करोड़ रुपये के दो बैंक धोखाधड़ी मामलों में अमेरिका स्थित होटल व्यवसायी संत सिंह चटवाल को आरोप मुक्त करने के खिलाफ जांच एजेंसी ने अपील क्यों नहीं की, इस बारे में जानकारी देने से इनकार करने पर एक शीर्ष सीबीआई अधिकारी पर 7,000 रुपये का 2011 में जुर्माना भी लगाया गया था। कड़े शब्दों में दिए गए आदेश में तत्कालीन सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने एक पत्रकार को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के लिए सीबीआई की आलोचना भी की थी। उन्होंने सीबीआई निदेशक को एजेंसी के सार्वजनिक सूचना अधिकारी अनिल पाल्टा के वेतन से जुर्माने की राशि काटने का निर्देश दिया था।

इस घटना की पुनरावृत्ति किसी सरकार में न हो, यह देशहित में है मगर अपने सार्वजनिक गुनाहों पर पर्दा डाल कर मोदी, जो अपने कार्यकाल के सद्य प्रारम्भकाल में हुए उन चर्चित काण्डों जिनमें हुए बैंकों के नुकसान की भरपाई अपराधियों की सम्पत्ति बेच कर की भी जा चुकी है, पर लादना किसी भी दशा में उचित नहीं कहा जा सकता। ‘बाथरूम में रेनकोट पहन कर नहाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री को भी यह बात सोचना और याद रखना चाहिए।
-राज सक्सेना

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