ढाका। बंगलादेश में सरकार के खिलाफ जारी आंदोलन के मद्देनजर तीन सप्ताह में दूसरी बार इंटरनेट सेवा अस्थायी तौर पर बंद कर दी गयी है।
सरकार के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच सोमवार को करीब 90 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गये।
बीबीसी रिपोर्ट के अनुसार, ढाका और अन्य शहरों में विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुआ जब छात्र नेताओं ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करते हुए ‘सविनय अवज्ञा’ अभियान शुरू किया। ढाका के प्रवेश द्वार बंद कर दिए गये हैं। शहर भर में पुलिस के साथ-साथ सेना को तैनात किया गया है। सरकार ने तीन दिन की अवकाश घोषित कर दिया है, इस दौरान व्यवसाय क्षेत्र और अदालतों की कार्रवाई भी बंद रखी गयी है। विरोध प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या अब 280 से अधिक हो गई है, जिसमें कई लोगों की मौतों के लिए सुरक्षा बलों को जिम्मेदार ठहराया गया है।
गौरतलब है कि बंगलादेश मुक्ति संग्राम सैनानियों को नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ छात्रों के आंदोलन के उग्र रूप लेने के बाद रविवार को राजधानी ढाका में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई, जिसमें पुलिस कर्मियों सहित करीब 100 लोगों की मृत्यु हो गयी। ढाका की सड़कों पर आंदोलनकारियों का सैलाब उमड़ा हुआ था।
पुलिस रिपोर्ट में बताया कि रविवार को सिराजगंज में थाने पर हजारों प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया जिसमें 13 पुलिस अधिकारी मारे गये। बाद में अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया। आज मोबाइल ऑपरेटरों को 4जी सेवाओं को बंद करने का आदेश मिला और इंटरनेट की आजादी पर नज़र रखने वाली निगरानी संस्था नेटब्लॉक्स ने लगभग पूरी तरह से राष्ट्रीय इंटरनेट बंद होने की सूचना दी।
इससे पहले, बंगलादेशी सरकार ने पहले 18 जुलाई को विरोध प्रदर्शनों को दबाने के प्रयास में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया था, जिसे एक सप्ताह बाद आंशिक रूप से बहाल किया गया था।
उल्लेखनीय है कि बंगलादेश में कोटा (आरक्षण) को लेकर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच आज सेना के तख्तापलट के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा।