नोएडा। नोएडा प्राधिकरण के खाते में से तीन करोड़ 80 लाख रुपये की सेंधमारी करने के मामले में पुलिस गिरोह के सरगना मनु पोला और उसके साथियों की तलाश में छह राज्यों में दबिश दे रही है। मनु के अलावा राजेश सहित कुल पांच नाम सामने आए हैं। सभी देश के अलग-अलग हिस्से के रहने वाले हैं।
पश्चिम बंगाल के मनु पोला ही गिरोह का कर्ताधर्ता है। इस मामले को लेकर नोएडा पुलिस द्वारा प्राधिकरण और बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यशैली की भी जांच की जा रही है। दोनों विभाग की ओर से अगर जरा सा भी सतर्कता दिखाई गई होती तो रकम खाते से निकलने के पहले ही आरोपी गिरफ्तार हो जाते। बैंक और प्राधिकरण के किस अधिकारी या कर्मचारी की इसमें साठगांठ है इसकी भी जांच की जा रही है।
मनु पोला के कोलकाता जबकि उसके अन्य साथियों के दिल्ली-एनसीआर में छिपे होने की आशंका जताई गई है। अभी तक बैंक कि जो खामियां सामने आई हैं उसमें पता चला है कि प्राधिकरण का अकाउंट अफसर बनकर गए अब्दुल खादर के नाम से फर्जी पहचान पत्र बनाया गया। इसमें उसका नाम अब्दुल हादर था जबकि आधार कार्ड में उसके नाम के पीछे खादर लिखा हुआ है। अगर प्रारंभिक चरण में इसकी जांच की जाती तो फर्जीवाड़ा सामने आ जाता। साथ ही नोएडा का जो पहचान पत्र बनाया गया उसमें सिग्नेचर और सिग्नेटरी की स्पेलिंग भी गलत लिखी हुई है। बैंक कर्मचारियों का इस ओर भी ध्यान नहीं गया। खाता खोलने के लिए लगाई गई मोहर में नोएडा इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट लिखा था।
वहीं नोएडा की मुहर न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट अथॉरिटी की होती है। बैंक कर्मचारियों द्वारा कई चरण में लापरवाही बरतने की बात सामने आ रही है। प्राधिकरण की ओर से भी कई जगह चूक हुई है। 15 जून को एफडी बिड के लिए बैठक हुई। इस दिन बैंक कर्मियों के वापस जाने के बाद ठगों ने 7.66 ब्याज का ऑफर प्राधिकरण के किस अधिकारी को दिया। इस अधिकारी ने सत्यता की पड़ताल किए बगैर फाइल आगे बढ़ाई। ठगों की तरफ से भेजी गई एफडी की फर्जी कॉपी वित्त विभाग में किस अधिकारी के पास पहुंची।
उस अधिकारी ने एफडी की कॉपी की सत्यता नहीं देखी और सही मान कर आगे बढ़ाई। बैंक में अकाउंट संचालन के लिए अधिकृत करने के दस्तावेज किस अधिकारी ने बैंक को देने के बजाय ठगों को सौंप दिए। कई अन्य चरणों में भी खामियां पाई गई हैं। यह कमियां महज एक संयोग है या फिर साजिश पुलिस इसी बात की जानकारी एकत्र कर रही है।