जम्मू। जम्मू-कश्मीर सरकार ने कहा है कि उसने स्वच्छता और जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देने काेे लेकर वार्षिक अमरनाथ यात्रा को शून्य-अपशिष्ट यात्रा में बदलने के लिए कदम उठाए हैं।
अमरनाथ यात्रा में स्वच्छता मानकों में बढ़ोत्तरी को लेकर शून्य अपशिष्ट यात्रा का टारगेट पूरा करने के लिए सरकार ने ग्रामीण विकास विभाग (आरडीडी) और स्वाहा संसाधन प्रबंधन के साथ सहयोग किया है।
जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से कपड़े के थैलों का वितरण, अपशिष्ट प्रक्रिया की निगरानी और पर्यटन के लिए विभिन्न नवीन उपाय पेश किए गए हैं। एक यात्रा गान भी बनाया गया है। प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) पोर्टल और वेब ऐप शुरू की गई है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीर्थयात्रियों के बीच पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना पैदा करने के महत्व पर प्रकाश डाला है। उन्होंने इस परिवर्तनकारी पहल को आगे बढ़ाने में उल्लेखनीय कार्य के लिए आरडीडी और स्वाहा रिसोर्स मैनेजमेंट को भी सराहा है।
सरकार ने कहा कि कई पहल शुरू की गई हैं, जबकि एक उल्लेखनीय पहल जिसमें तीर्थयात्रियों को प्लास्टिक से बचने के लिए प्रोत्साहित किया जाना है, इसमें उन्हें अब कपड़े के थैलों का वितरण किया जाएगा।
सरकार ने कहा कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के विभिन्न चरणों में स्वयंसेवकों की सक्रिय भागीदारी प्राकृतिक विरासत के प्रति जिम्मेदारी की गहरी भावना पैदा करने में महत्वपूर्ण साबित हुए हैं। अमरनाथ यात्रा के लिए विकसित कचरा प्रबंधन मॉडल को जबरदस्त सफलता माना जा रहा है।
तीर्थयात्रियों को जागरूक करने को लेकर कई तरह के उपाय किए गए हैं। यात्रियों की प्रतिक्रिया इस वर्ष यात्रा के संचालन की उपलब्धियों को दर्शाती है।
हाल ही में पुरुष, महिला, बच्चे, साधुओं और साध्वियों सहित कुल 18,354 तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ गुफा मंदिर में दर्शन किए। यात्रा की शुरुआत के बाद से अब तक दर्शन करने वाले यात्रियों की कुल संख्या 67,566 है।