नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार के कारोबारी सत्र में भारी गिरावट होने के बाद जीरोधा के सीईओ और सह-संस्थापक नितिन कामत ने कहा कि 15 वर्षों में पहली बार उनके बिजनेस में गिरावट देखने को मिली है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कामत ने कहा कि ट्रेडर्स की संख्या और कुल ट्रेडिंग वॉल्यूम में 30 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखने को मिली है। कामत ने मुताबिक, सभी ब्रोकर्स के प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग गतिविधि में 30 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखने को मिली है। आगे कहा कि 15 साल पहले बिजनेस की शुरुआत करने के बाद से लेकर अब तक पहली बार कारोबार में गिरावट देखने को मिली है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद से दुनिया के बाजारों में गिरावट देखने को मिल रही है।
ट्रंप ने कहा कि मैक्सिको और कनाडा से आने वाले सामानों पर टैरिफ 4 मार्च से प्रभावी हो जाएंगे। इसके अलावा चीनी आयात पर टैरिफ को दोगुना कर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। कामत के मुताबिक, ट्रेडिंग गतिविधियों में गिरावट का असर सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) से सरकार की आय पर हो सकता है। उन्होंने कहा कि अगर यह ट्रेंड जारी रहता है तो वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एसटीटी कलेक्शन 40,000 करोड़ रुपये के नीचे रह सकता है, जो कि सरकार के अनुमान 80,000 करोड़ रुपये से 50 प्रतिशत कम है। कामत ने कहा कि उन्हें कोई आइडिया नहीं है कि मार्केट यहां से कहां जाएगा, लेकिन मैं ब्रोकिंग इंडस्ट्री के बारे में बता सकता हूं। हम ट्रेडर्स और वॉल्यूम दोनों में एक बड़ी गिरावट देख रहे हैं। बाजार में भारी गिरावट देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1,414.33 अंक या 1.90 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73,198 और निफ्टी 420.35 अंक या 1.86 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 22,124 पर था। फरवरी में बाजार का प्रदर्शन काफी कमजोर रहा है। 500 में से 450 निफ्टी शेयर लाल निशान में बंद हुए हैं। इस दौरान निफ्टी 5.89 प्रतिशत और सेंसेक्स में 5.55 प्रतिशत की गिरावट हुई है।