नयी दिल्ली- उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को पश्चिम बंगाल नगर पालिका भर्ती घोटाले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने सीबीआई जांच का आदेश देने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि अदालत इस बात से संतुष्ट है कि शिक्षक भर्ती घोटाले और नगर पालिका भर्ती घोटाले के बीच एक संबंध प्रतीत होता है।
मामले की जांच सीबीआई और ईडी कर रही है। जांच की जद में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे एवं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद अभिषेक बनर्जी भी आ गये हैं।
शीर्ष अदालत की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलील विस्तार पूर्वक सुनने के बाद याचिका खारिज करने का आदेश पारित किया।
पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ के 15 जून 2023 के आदेश की वैधता को चुनौती दी, जिसमें एकल पीठ द्वारा कथित नगर पालिका भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश को बरकरार रखा गया था।
केंद्रीय जांच एजेंसियों का आरोप है यह घोटाला 200-250 करोड़ रुपये का था, क्योंकि नगर पालिकाओं में भर्ती के लिए प्रत्येक पद के लिए रिश्वत के रूप में भुगतान की जाने वाली रकम तय की गई थी। भर्तियों में अनियमितता का यह मामला पश्चिम बंगाल में विभिन्न नगर पालिकाओं में क्लर्क, सफाई कर्मचारी, चपरासी, ड्राइवर आदि से संबंधित था।
शीर्ष अदालत ने 19 जुलाई को टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी को झटका देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया था, जिसमें सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के संबंध में उनसे पूछताछ करने की अनुमति दी गई थी।