नई दिल्ली। जस्टिस संजीव खन्ना देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) होंगे। वे 11 नवंबर को सीजेआई की शपथ लेंगे। इससे एक दिन पहले यानी 10 नवंबर को वर्तमान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ पद मुक्त हो जाएंगे। डीवाई चंद्रचूड़ ने आठ नवंबर 2022 को सीजेआई का पदभार ग्रहण किया था। जस्टिस खन्ना का सीजेआई के रूप में कार्यकाल छह महीने से कुछ अधिक होगा। वह अगले साल 13 मई को पदमुक्त होंगे।
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गुरुवार रात एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भारत के संविधान द्वारा दी गई शक्ति का इस्तेमाल करते हुए देश की राष्ट्रपति, सीजेआई से परामर्श के बाद सुप्रीम कोर्ट के जज संजीव खन्ना को 11 नवंबर 2024 से देश के प्रधान न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करती हैं।
उल्लेखनीय है कि सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने बीते दिनों अपने उत्तराधिकारी की सिफारिश की थी। उन्होंने केंद्र सरकार को लिखे पत्र में सीजेआई के उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस खन्ना के नाम का प्रस्ताव रखा था। सिफारिश में उन्होंने कहा था कि संजीव खन्ना अगले चीफ जस्टिस होंगे। उनकी सिफारिश को सरकार ने स्वीकार कर लिया है। जनवरी 2019 में जस्टिस खन्ना को दिल्ली हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया था।
बतादें कि 14 मई 1960 को जन्मे खन्ना ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की है। साल 1983 में उन्होंने दिल्ली बार काउंसिल में बतौर वकील अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। शुरुआती दिनों में उन्होंने तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस की। इसके बाद हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे। 14 साल तक जस्टिस खन्ना दिल्ली हाई कोर्ट में जज रहे। 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक वो सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी के अध्यक्ष रहे।