नई दिल्ली। शराब घोटाले में घिरीं बीआरएस नेता के कविता ने अपनी गिरफ्तारी के मद्देनजर ईडी के समन को चुनौती देने वाली अपनी याचिका मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली। ईडी ने शुक्रवार 15 मार्च की रात 46 वर्षीय कविता को हैदराबाद में बंजारा हिल्स स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। 7 दिन की कस्टडी मिलने के बाद से ईडी अफसरों की टीम कविता से लगातार पूछताछ कर रही है। 15 मार्च को बीआरएस नेता के घर छापेमारी के कार्यवाही के दौरान ईडी अधिकारियों ने कहा था कि उन्हें कविता के रिश्तेदारों और सहयोगियों द्वारा रोका गया था।
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के. कविता ने सोमवार को दिल्ली शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। तेलंगाना विधान परिषद की सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी कविता को शनिवार को 23 मार्च तक के लिए ईडी की कस्टडी में भेज दिया था।इससे पहले, ईडी ने सोमवार को दावा किया था कि बीआरएस एमएलसी के. कविता उस शराब लॉबी के ‘साउथ ग्रुप’ का हिस्सा थीं। उन्होंने दिल्ली 2021-22 के लिए बनी शराब नीति के तहत लाभ पाने के बदले अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया सहित आम आदमी पार्टी (आप) के शीर्ष नेताओं के साथ मिलकर साजिश रची थी। उन्होंने इन एहसानों के बदले ‘आप’ नेताओं को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी।
ईडी ने एक बयान में दावा किया, ”ईडी की जांच से पता चला है कि के कविता ने अन्य लोगों के साथ मिलकर दिल्ली शराब नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में लाभ पाने के लिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया सहित ‘आप’ के शीर्ष नेताओं के साथ कथित तौर पर साजिश रची थी। इन एहसानों के बदले में, वह AAP नेताओं को 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने में भी शामिल थीं। दिल्ली शराब नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार और साजिश के तहत शराब कारोबारियों से आम आदमी पार्टी के लिए रिश्वत ली गई थी। इस घोटाले और साजिश के सबूत तलाशने को ईडी ने आज तक दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई और अन्य स्थानों सहित देशभर में 245 स्थानों पर छापेमारी की है। मामले में अब तक ‘आप’ नेता मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और विजय नायर समेत कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ईडी ने मामले में अब तक एक अभियोजन शिकायत और पांच पूरक शिकायतें दर्ज की हैं। ईडी ने इसके अलावा, अपराध से प्राप्त आय में से, अब तक 128.79 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता लगाया जा चुका है, 24 जनवरी, 2023 और 3 जुलाई, 2023 के अंतिम कुर्की आदेशों के माध्यम से कुर्क किया गया है।