नगर विकास मंत्री को पत्र लिखकर संबंधित अधिकारियों व ठेकेदार के विरूद्ध की कडी कार्यवाही की मांग
मुजफ्फरनगर। पिछले साढे छ: साल से प्रदेश की सत्ता पर काबिज भाजपा के राज में आम नेताओं व कार्यकर्ताओं की तो अफसर सुन ही नहीं रहे है और भाजपा के नेता व कार्यकर्ता अपनी अनदेखी से परेशान भी है, लेकिन हद तो तब हो गयी, जब उत्तर प्रदेश सरकार में स्वतंत्र प्रभार मंत्री व तीन बार से नगर विधायक कपिल देव अग्रवाल को भी अफसरों ने ठेंगा दिखा दिया और उनके आदेश नहीं मान रहे है। इस उपेक्षा ने दुखी कपिल देव ने बाकायदा प्रदेश के नगर विकास मंत्री को चिट्ठी लिखकर अपना दर्द भी सार्वजानिक कर दिया है।
प्रदेश में अपनी सत्ता होने के साथ-साथ मंत्री का रूतबा अलग ही होता है, लेकिन बीजेपी के राज में अफसरशाही इतनी हावी हो गयी है कि अब उनके लिए मंत्री भी कोई मायने नहीं रख रहे है। मंत्री कोई निजी काम बता रहे हो, तो तब भी अनदेखी ठीक हो सकती है लेकिन विकास के बड़े बड़े दावे करने वाली योगी सरकार में, जनहित का काम मंजूर हो जाने और उसका बजट जारी हो जाने के बाद भी, 2 साल तक वो विकास कार्य न होने से, और तो और अब मंत्री भी परेशान होने लगे है और उनका दर्द भी अब खुलकर सामने आने लगा है।
मुज़फ्फरनगर के अफसरों ने मंत्री कपिलदेव के मौखिक कहने व लिखित आदेश के बावजूद भी एक नाले का निर्माण नहीं किया है। इस बात से यह पता चलता है कि भाजपा के नेताओं व कार्यकर्ताओं की इस समय क्या हैसियत है, जब एक मंत्री की ही नहीं सुनी जा रही है। दो साल से नाला निर्माण न होने से मंत्री कपिलदेव की जमकर फजीहत हो रही है। राजनीतिक हलकों में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।नाला निर्माण में देरी पर नाराज मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने प्रदेश के नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा को पत्र लिखकर संबंधित अधिकारियों व ठेकेदार के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की है ।
दरअसल सदर विधानसभा के अंतर्गत शहर की भोपा रोड पर नई मंडी श्मशान घाट के निकट से लेकर कूकड़ा रोड होते हुए जानसठ रोड तक जल निकासी की व्यवस्था सुदृढ करने के लिए नाले को पक्का बनाये जाने का कार्य लगभग 2 वर्षों से स्वीकृत है तथा नगर विकास विभाग से पैसा भी आबंटित हो चुका है। क्षेत्रीय विधायक एवं प्रदेश सरकार में स्वतंत्र प्रभार मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने इस कार्य में हो रहे विलम्ब पर नाराजगी जताई है। उन्होंने नगर विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा को पत्र लिखकर बताया कि विभागीय अधिकारी सरकार की जनहितैषी योजनाओं को पलीता लगाने का कार्य कर रहे हैं तथा अपने दायित्वों के प्रति उदासीन है।
विदित रहे कि मंत्री कपिल देव ने इस नाले का प्राथमिकता के आधार पर निर्माण कराये जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा था, जिसकी स्वीकृत लागत लगभग 22 करोड़ रुपये हैं। नगर विकास मंत्री को भेजे अपने पत्र में कपिल देव ने कहा कि उपरोक्त कार्य की स्वीकृति व शिलान्यास को 2 वर्ष से अधिक का समय हो गया है, किंतु अभी तक यह कार्य शुरू भी नहीं हो पाया है और ना ही अग्रिम कार्यवाही से संबंधित कोई जानकारी उन्हें दी जा रही है।
कपिल देव ने लिखा कि इससे संबंधित अधिकारियों, ठेकेदार की घोर लापरवाही उजागर होती है। साथ ही, सरकार की विकासोन्मुखी छवि भी धूमिल हो रही है। उन्होंने शीघ्र कार्य शुरू कराये जाने की मांग की।
इतना भुगतने के बाबजूद मंत्री कपिल देव वैसे ये भी कह रहे है कि भाजपा सरकार में किसी भी अधिकारी, कर्मचारी की उदासीनता व लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ विकसित भारत के संकल्प को लेकर आगे बढ़ रही है।अब देखना है कि दर्द भरी चिट्ठी के बाद भी कपिल देव का ये ‘जुमला’ बोलना क्या इस नाले का निर्माण शुरू करा पाता है ?