मुजफ्फरनगर। भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस के बड़े-बड़े दावों के बीच अब आम आदमी के लिए पोस्टमार्टम कराना भी आसान नहीं रह गया है ।
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बीते दिवस एक पोस्टमार्टम करने के लिए ₹10000 की मांग की जा रही थी जिसकी जानकारी मिलने पर भाकियू नेता मौके पर पहुंचे और उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जमकर खरी खोटी सुनाई, जिसके बाद पोस्टमार्टम हुआ।
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने आज इस मामले में दोषी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई कर दी है।
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मुजफ्फरनगर की मदीना कॉलोनी निवासी 19 वर्षीय अनस अब्बासी ने बुधवार को बामनहेडी के जंगल में पेड़ पर लटक कर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। तीन दोस्तों द्वारा उसके बारे में गलत वीडियो वायरल कर देने के कारण उसकी शादी टूट गई थी । पुलिस ने उसके शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था लेकिन पोस्टमार्टम नहीं किया जा रहा था।
अनस अब्बासी के चाचा साजिद अब्बासी भारतीय किसान यूनियन तोमर के नगर उपाध्यक्ष है, जिन्होंने इसकी जानकारी भाकियू नेताओं को दी तो भाकियू तोमर के जिला अध्यक्ष निखिल चौधरी और युवा जिला अध्यक्ष सोनू चौधरी के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और जमकर हंगामा किया।
उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुनील तेवतिया को फोन मिलाकर उन्हें खरी खोटी सुनाई इसके बाद पोस्टमार्टम कर दिया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील तेवतिया ने पोस्टमार्टम हाउस पर तैनात डॉक्टरो को तत्काल प्रभाव से वहां से हटा दिया है, उनकी जगह नए डॉक्टरों की नियुक्ति कर दी है और कंपनी द्वारा नियुक्त किए गए कर्मचारियों को भी हटा दिया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्यवाही भी की जाएगी।