Wednesday, December 25, 2024

भविष्य के भारत का एक प्रतीक बनेगा काशी का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम : प्रधानमंत्री

नई दिल्ली/वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि ये स्टेडियम केवल ईंट और कंक्रीट से बना एक मैदान नहीं बल्कि भविष्य के भारत का एक प्रतीक बनेगा।

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब खेल का बुनियादी ढांचा तैयार होता है, जब इतना बड़ा स्टेडियम बनता है तो खेल ही नहीं स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। काशी का ये अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम पूर्वांचल का चमकता सितारा बनेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज क्रिकेट के जरिए दुनिया भारत से जुड़ रही है। नए-नए देश क्रिकेट खेलने के लिए आगे आ रहे हैं। जाहिर है कि आने वाले दिनों में क्रिकेट मैचों की संख्या बढ़ने वाली है। जब मैचों की संख्या बढ़ेगी तो नए स्टेडियमों की जरूरत भी पड़ेगी। तब बनारस का ये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम इस डिमांड को पूरा करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “काशी के सांसद के रूप में, मैं यहां पहला अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बनाने में उनके समर्थन के लिए बीसीसीआई को धन्यवाद देना चाहता हूं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत का पहला बहुस्तरीय खेल परिसर है जो दिव्यांगजनों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। ये स्टेडियम न सिर्फ वाराणसी बल्कि पूर्वांचल के युवाओं के लिए वरदान जैसा होगा। इस स्टेडियम के पूरा होने पर 30,000 से ज्यादा लोग यहां बैठकर मैच देख पाएंगे। जबसे इस स्टेडियम की तस्वीरें बाहर आई हैं, उन्हें देखकर हर काशीवासी गदगद हो गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “आज, मुझे वाराणसी आने का एक और मौका मिला। काशी आने पर हमें जो खुशी मिलती है, वह अद्वितीय है। आज मैं एक ऐसे दिन काशी आया हूं, जब चंद्रमा के शिवशक्ति पॉइंट पर भारत के पहुंचने का एक महीना पूरा हो रहा है। एक शिवशक्ति का स्थान चंद्रमा पर है और दूसरा शिवशक्ति का स्थान यहां काशी में है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि खेलों में भारत को जो सफलता मिल रही है, वह खेलों के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव का प्रमाण है। सरकार हर स्तर पर खिलाड़ियों की मदद कर रही है। नौ वर्ष पहले की तुलना में इस वर्ष केंद्रीय खेल बजट तीन गुना बढ़ाया गया है। खेलो इंडिया प्रोग्राम के बजट में तो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 70 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

उन्होंने कहा कि पहले सुसज्जित स्टेडियम केवल दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में मौजूद थे। हालांकि, अब दूरदराज के स्थानों में भी खिलाड़ियों को ये सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। अभी कुछ समय पहले ही वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में भारत ने इतिहास रचा है। इन गेम्स के इतिहास में पिछले कई दशकों में भारत ने कुल मिलाकर जितने पदक जीते थे, उससे ज्यादा पदक सिर्फ इस साल जीतकर दिखा दिए हैं।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,303FansLike
5,477FollowersFollow
135,704SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय