नई दिल्ली। तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भोजन पर अब राजनीति शुरू हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट को जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री शुगर के मरीज हैं और वे जानबूझ कर ऐसा भोजन कर रहे हैं, जिससे उनका शुगर लेवल बढ़े। इसके बाद से भाजपा ने मुख्यमंत्री पर ‘शुगर घोटाले’ का आरोप लगाना शुरू कर दिया है। हालांकि आम आदमी पार्टी (आप) ने इसका खंडन करते हुए कहा है कि इसका मकसद मुख्यमंत्री के घर का खाना रुकवाना है।
तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शुगर लेवल की नियमित जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर राऊज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया है। राऊज एवेन्यू कोर्ट की स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल को करने का आदेश दिया। इसी पर ईडी ने कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा।
प्रवर्तन निदेशालय के विशेष वकील ज़ोहेब हुसैन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री का डाइट चार्ट अदालत के सामने रखा है। डाइट चार्ट में आम और मिठाइयां थीं। हमने इसे अदालत के सामने रखा है। वह विशेष रूप से मीठा भोजन खा रहे थे, जिसकी किसी भी मधुमेह रोगी को अनुमति नहीं है। मामला न्यायालय के समक्ष लंबित है।
भारतीय जनता पार्टी ने इसे राजनीतिक मुद्दा बनाते हुए मुख्यमंत्री पर शुगर घोटाले का आरोप लगाना शुरू कर दिया है। भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि केजरीवाल का शुगर घोटाला सामने आया है। डायबिटिक होने के बावजूद वे जेल में मीठा भोजन खा रहे हैं। इसमें आम, मीठे फल, मिठाइयाँ, चावल, आलू पूड़ी और चौलाई के लड्डू शामिल हैं। वो चाहते हैं कि उनका शुगर लेवल बढ़ जाए ताकि उन्हें मेडिकल आधार पर जमानत मिल जाए। केजरीवाल अपनी क्रिमिनल साज़िशों से चार्ल्स शोभराज को भी मात दे रहे हैं।
इसके जवाब में दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया है कि ईडी मुद्दा बनाकर मुख्यमंत्री को मिल रहा घर का खाना बंद कराना चाहती है। मुख्यमंत्री ने एक बार आलू पूरी खाई है। यह नवरात्रि का प्रसाद है। ईडी का मकसद उनका घर का खाना रुकवाना है। इससे उन्हें जेल का खाना दिया जाएगा। असल में मुख्यमंत्री को तिहाड़ जेल का खाना खिलाकर मारने की साजिश रची जा रही है।