वाशिंगटन। अमेरिका में खसरे से तीसरी मौत की पुष्टि हुई है। यह बीमारी जनवरी में पश्चिम टेक्सास से फैलना शुरू हुई थी और अब तेजी से फैल रही है। हाल ही में टेक्सास के एक स्थानीय अस्पताल में खसरे से पीड़ित एक स्कूली बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद अमेरिका के स्वास्थ्य और मानव सेवा मंत्री रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर टेक्सास पहुंचे।
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उन्होंने कहा, “मैं यहां पीड़ित परिवारों से मिलने और इस दुख की घड़ी में उनके साथ खड़े रहने आया हूं।” यह टेक्सास में किसी बच्चे की दूसरी और पूरे अमेरिका में तीसरी मौत है, जो इस खसरे के प्रकोप से जुड़ी है। कैनेडी ने बताया कि उनका विभाग टेक्सास के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है। साथ ही, रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) की टीमें भी वहां भेजी गई हैं ताकि संक्रमण को रोका जा सके।
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उन्होंने कहा, “खसरा, मम्प्स और रूबेला (एमएमआर) का टीका इस बीमारी से बचाव का सबसे असरदार तरीका है।” टेक्सास में शुक्रवार तक खसरे के 481 मामले दर्ज किए गए हैं। स्टेट हेल्थ डिपार्टमेंट्स के डाटा के अनुसार, पूरे देश में यह संख्या 569 तक पहुंच गई है, जिसमें टेक्सास, न्यू मेक्सिको, ओक्लाहोमा और शायद कन्सास भी शामिल हैं। लुब्बॉक, टेक्सास में स्थित यूएमसी हेल्थ सिस्टम के उपाध्यक्ष आरोन डेविस सीएनएन को दिए एक बयान में बताया, “हमें यह बताते हुए गहरा दुख हो रहा है कि हाल ही में खसरे से संक्रमित एक स्कूली बच्चे की मौत हो गई। बच्चा खसरे की जटिलताओं के कारण अस्पताल में भर्ती था। बच्चे को खसरे का टीका नहीं लगवाया गया था और उसकी कोई अन्य गंभीर बीमारी भी नहीं थी।
” हालांकि ट्रंप सरकार के एक अधिकारी ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि बच्चे की मौत की असली वजह की जांच अभी जारी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने यह साफ किया है कि टीका न लगवाना खतरनाक हो सकता है। टेक्सास में खसरे से पहली मौत फरवरी में हुई थी, वह बच्चा भी बिना टीके के था। न्यू मेक्सिको में भी एक मौत की जांच चल रही है। टेक्सास में अधिकतर मामले उन लोगों के हैं जिन्होंने खसरे का टीका नहीं लगवाया है। इनमें से लगभग 70 प्रतिशत बच्चे और किशोर हैं।
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अकेले गेन्स काउंटी में 66 प्रतिशत मामले हैं और लुब्बॉक काउंटी में 7 प्रतिशत मामले हैं। स्थिति को देखते हुए यूएमसी हेल्थ ने अपने आपातकालीन देखभाल केंद्रों पर ड्राइव-अप खसरा स्क्रीनिंग की पेशकश शुरू कर दी है। न्यू मेक्सिको में 54 मामले सामने आए हैं, ओक्लाहोमा में 10 और कन्सास में अभी तक 24 मामले सामने आ चुके हैं और वहां भी संक्रमण की जांच चल रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि खसरे के मामलों की असली संख्या बहुत ज्यादा हो सकती है क्योंकि कई बार लोग इसके बारे में बताते नहीं हैं, खासकर उन इलाकों में जहां अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं हैं या जहां लोग टीका लगवाने में हिचकिचाते हैं।
उनका यह भी कहना है कि बच्चों में खसरे के ज्यादा मामले होने से अस्पतालों में भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या बढ़ सकती है, खासकर छोटे बच्चों को खसरे से ज्यादा खतरा होता है। वहीं, इस बीमारी के फैलने के मामले में केनेडी के रवैये की डॉक्टरों ने कड़ी आलोचना की है। फिलाडेल्फिया चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल में वैक्सीन एजुकेशन सेंटर के निदेशक डॉ पॉल ऑफ़िट ने कैनेडी पर टीकों में जनता के भरोसे को कम करने का आरोप लगाया।
ऑफिट ने कहा, “यह बीमारी इसलिए वापस आ गई है क्योंकि बहुत सारे माता-पिता ने अपने बच्चों को टीका नहीं लगवाने का फैसला किया है, और इसका बड़ा कारण आर.एफ.के. जूनियर जैसे लोगों द्वारा फैलाई गई गलत जानकारी है।” केनेडी, जो लंबे समय से टीकों पर अपने विवादास्पद विचारों के लिए जाने जाते हैं, को इस बीमारी के खतरे और टीकाकरण के महत्व को कम करके आंकने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है, जबकि देश खसरे की सबसे खतरनाक लहर का सामना कर रहा है।