गुवाहाटी। खालिस्तानी संगठन द्वारा असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को धमकी जारी किए जाने के बाद, पुलिस ने सोमवार को मुख्यमंत्री की सुरक्षा और हवाईअड्डों और रेलवे स्टेशनों की भी समीक्षा की।
राज्य के एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि फिलहाल मुख्यमंत्री सरमा मौजूदा सुरक्षा उपायों का हिस्सा बने रहेंगे। उनके पास फिलहाल जेड प्लस सुरक्षा कवर है।
हालांकि, पुलिस ने राज्य भर के रेलवे स्टेशनों और हवाईअड्डों पर सुरक्षा चौकसी बढ़ा दी है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हिरेन नाथ सुरक्षा उपायों की देखरेख कर रहे हैं। दिसपुर के स्पेशल टास्क फोर्स थाने में रविवार शाम प्राथमिकी दर्ज की गई।
इससे पहले रविवार शाम को असम में पत्रकारों के एक वर्ग को अलग-अलग मोबाइल नंबरों से फोन आए। कथित तौर पर कॉल प्राप्त करने पर, ‘सिख फॉर जस्टिस’ संगठन के गुरपतवंत सिंह पन्नू होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने सरमा का ‘धमकी’ दी।
फोन कॉल करनेवाले ने कहा, “असम में कैद खालिस्तान समर्थकों पर अत्याचार किया गया है। बहुत ध्यान से सुनिए, सीएम सरमा, लड़ाई खालिस्तान समर्थक सिखों और भारतीय शासन के बीच है।”
“हम खालिस्तान जनमत संग्रह की शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया के जरिए पंजाब को भारतीय कब्जे से मुक्त कराने की मांग कर रहे हैं। अगर आपकी सरकार इन छह को टोर्चर और प्रताड़ित करेगी, तो आपको जवाबदेह ठहराया जाएगा।”
असम डीजीपी जी.पी. सिंह ने कहा, “गुरपतवंत सिंह पन्नू नामक एक व्यक्ति द्वारा असम के मुख्यमंत्री को धमकी देने वाले एक ऑडियो क्लिप का संदर्भ लिया है, जो भारतीय कानून के तहत एक नामित व्यक्तिगत आतंकवादी है और सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) नामक एक गैरकानूनी संगठन का प्रमुख है।”
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री के सुरक्षा कम्पोनेंट को उभरते खतरे के प्रति पर्याप्त रूप से संवेदनशील बनाया गया है। वैश्विक घटनाओं के मद्देनजर, असम पुलिस द्वारा खतरे को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है और केंद्रीय एजेंसियों को इस मुद्दे के बारे में जानकारी दी गई है।”