पटना। बिहार में बीपीएससी छात्रों की 70वीं प्रिलिम्स के री-एग्जाम की मांग जारी है। मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है। इस बीच प्रसिद्ध शिक्षक खान सर ने गुरुवार को दावा किया कि उनके हाथ एक ऐसा सबूत लगा है, जिसके कारण अदालत को अब री-एग्जाम का आदेश देना होगा। बीपीएससी प्री के री-एग्जाम की मांग को लेकर खान सर ने कहा, “इस मांग को लेकर हम लोगों के पास कोई ठोस सबूत नहीं था, जिसको लेकर हमें आत्मविश्वास हो। लेकिन अब हम लोगों को एक सबूत हाथ लग गया है। अब यह हमें न्यायालय में जीत दिलाएगा। नवादा के ट्रेजरी से क्वेश्चन सेट गायब है, और वही सवाल 22 दिन बाद पूछा गया है, जिसको लेकर इतनी बड़ी धांधली हुई है।” उन्होंने कहा, “13 दिसंबर को परीक्षा हुई थी। उस परीक्षा के लिए तीन सेट बनाए गए थे। ऐसा इसलिए कि अगर एक भी सेट में गड़बड़ी होगी, तो बाकी बचे क्वेश्चन सेट को यूज किया जा सकता है। एक सेट के उपयोग के बाद जो बाकी दो सेट बचते हैं, उनको ट्रेजरी में जमा करना होता है।
हमने सारे ट्रेजरी में पता लगवाया कि उन्होंने 13 दिसंबर को सारे ट्रेजरी में सेट को जमा किए थे कि नहीं? इसमें हमें दो महीने का समय लग गया।” खान सर ने बताया, “हमें बाद में पता चला कि नवादा और गया की ट्रेजरी में क्वेश्चन सेट जमा ही नहीं हुए हैं। बापू परीक्षा परिसर में जो धांधली हुई थी, उसके कारण वहां पर करीब पांच-छह हजार बच्चों का री-एग्जाम कराना था। 4 जनवरी को जो दोबारा री-एग्जाम कराना था, आयोग ने उनके लिए अलग से कोई क्वेश्चन ही नहीं बनाया। नवादा और गया के ट्रेजरी से जो क्वेश्चन पेपर गायब हुए थे, उसी को दोबारा थमा दिया गया। इसके कारण 13 दिसंबर को जो परीक्षा हुई, उसमें छह प्रतिशत बच्चे पास हुए, वहीं 4 जनवरी को जो परीक्षा हुई, उसमें 19 प्रतिशत बच्चे पास हुए।” उन्होंने दावा किया, “अब हमारे हाथ एक ऐसा सबूत हाथ लगा है, जिससे हाई कोर्ट में हमारी जीत होगी। कोर्ट अब री-एग्जाम का आदेश देकर रहेगा।”